प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर भारत ने कई देशों को पछाड़ते हुए वैक्सीनेशन का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डाला है। 17 सितंबर को देश में रिकॉर्ड ढाई करोड़ से भी ज्यादा टीके लगाए हैं। CoWIN पोर्टल के मुताबिक, देर रात 12 बजे तक वैक्सीन की 2 करोड़ 50 लाख 10 हजार 390 डोज लगाई गई।वैक्सीन की डोज देने के मामले में टॉप पर कर्नाटक रहा।
प्रधानमंत्री ने भी जताई खुशी
इस उपलब्धि की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि हर भारतीय आज रिकार्ड संख्या में किये गये टीकाकरण को लेकर गौरवान्वित होगा। मैं टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए हमारे चिकित्सकों, नवोन्मेषकों , प्रशासकों, नर्सों, स्वास्थ्य सेवा और अग्रिम मोर्चे के सभी कर्मियों की सराहना करता हूं। कोविड-19 को हराने के लिए टीकाकरण को बढ़ावा देते रहें।
ये है राज्यों का ब्योरा
- कर्नाटक ने देश में सर्वाधिक 26.9 लाख खुराक दी
- बिहार में 26.6 लाख से अधिक खुराक दी गई।
- उत्तर प्रदेश में 24.8 लाख से अधिक खुराक
- मध्य प्रदेश में 23.7 लाख से अधिक खुराक
- गुजरात में 20.4 लाख से अधिक खुराक दी गई।
टीकाकरण का बना नया कीर्तिमान
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट किया कि वैक्सीन सेवा को चरितार्थ करते हुए स्वास्थ्य कर्मियों एवं देशवासियों की तरफ़ से प्रधानमंत्री जी को उपहार। चौथी बार एक दिन में एक करोड़ से ज्यादा खुराकें दी गईं। मांडविया ने कहा कि देश ने अब तक सबसे तेज एक करोड़ खुराकें देने का आंकड़ा पार कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिवस पर देश ने दोपहर 1:30 बजे तक अब तक के सबसे तेज, एक करोड़ खुराकें देने का आंकड़ा पार कर लिया है और हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। मुझे विश्वास है की आज हम सब टीकाकरण का नया कीर्तिमान बना कर प्रधानमंत्री जी को उपहार स्वरूप देंगे।
10 करोड़ के आंकड़े तक पहुंचने में लगे 85 दिन
मंत्रालय के मुताबिक, भारत को टीकाकरण के 10 करोड़ आंकड़े तक पहुंचने में 85 दिन लगे। इसके बाद अगले 45 दिन में 20 करोड़ तथा इसके 29 दिन बाद 30 करोड़ के आंकड़े पर देश पहुंचा था। वहीं, 30 करोड़ से 40 करोड़ के आंकड़े तक पहुंचने में 24 दिन लगे और इसके 20 दिन बाद छह अगस्त को 50 करोड़ के आंकड़े पर पहुंच गए। इसके 19 दिन बाद देश ने 60 करोड़ आंकड़े का तथा इसके महज 13 दिनों बाद 60 करोड़ आंकड़े का लक्ष्य हासिल किया। मंत्रालय के मुताबिक 13 सितंबर को 75 करोड़ लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य हासिल हुआ। देश में 16 जनवरी को पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को टीके दिए जाने के साथ टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई थी। अग्रिम मोर्चे के कर्मियों के लिए दो फरवरी से टीकाकरण शुरू हुआ।