वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना संक्रमण से लड़ने में प्लाज्मा थेरेपी काफी मददगार साबित हो सकती है। हालांकि इसके लिए जरूरत है तो सिर्फ डोनर की। दरअसल, प्लाज्मा थेरेपी के लिए एक डोनर की जरूरत होती है जिसके खून में से प्लाज्मा अलग करके खून वापिस उस व्यक्ति के शरीर में डाल दिया जाता है। इससे डोनर को किसी तरह का नुकसान नहीं होता। मगर, फिर भी शुरूआत में लोग प्लाज्मा डोनेट करने से काफी घबरा रहे थे। तब मदद के लिए पहला हाथ बढ़ाया था अहमदाबाद की स्मृति ठक्कर ने।
भारत की पहली प्लाज्मा डोनर स्मृति ठक्कर
प्लाज्मा थेरेपी को हरी झंडी मिलने के बाद अहमदाबाद के सरदार पटेल अस्पताल में इसका ट्रायल शुरू किया गया था। तब स्मृति ठक्कर ने बिना किसी डर और झिझक के प्लाज्मा डोनेट किया। बता दें कि स्मृति प्लाज्मा डोनेट करने से कुछ दिन पहले ही कोरोना से ठीक हुई थी। प्लाज्मा वही व्यक्ति डोनेट कर सकता है जो खुद कोरोना से ठीक हो चुका हो क्योंकि उन्हीं के शरीर में ऐसी एंटीबॉडी बनती है जो संक्रमण से लड़ने में कारगार होती है।
फ्रांस से भारत आई थी स्मृति
बता दें कि पेरिस में मास्टर्स की पढ़ाई कर रहीं 24 वर्षीय स्मृति 19 मार्च को भारत वापिस लौटीं थी। कुछ दिन बाद ही उनमें कोरोना के लक्षण दिखाई देने लगे थे और जब जांच करवाई गई तो उनका रिजल्ट पॉजिटिव आया। इसके बाद उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती किया गया और कुछ दिन बाद वह ठीक भी हो गई। इसके बाद प्लाज्मा थेरेपी को परमिशन मिलने के बाद हॉस्पिटल प्रशासन ने उनसे मदद मांगी, जिसपर स्मृति ने अपने माता-पिता से पूछकर हां कह दी।
माता-पिता ने किया सपोर्ट
प्लाज्मा डोनेट करने पर स्मृति के पेरेंट्स ने उनका पूरा सपोर्ट किया। उन्होंने कहा कि देश के डॉक्टर्स दिन रात लोगों की सेवा में लगे हुए हैं। ऐसे में हमें भी उनकी मदद करनी चाहिए। कोरोना संक्रमित मरीजों को प्लाज्मा डोनेट करना हमारा फर्ज है। स्मृति ने बताया कि प्लाज्मा डोनेट करते समय एक पल को वह डर गई थी लेकिन कुछ देर बाद ठीक महसूस होने लगा। स्मृति कोरोना मरीजों के लिए प्लाज्मा डोनेट करने वाली पहली डोनर थी लेकिन लोग दूसरी बीमारियों के लिए प्लाज्मा डोनेट करते हैं।
जागरण ग्रुप कर रहा है सम्मानित
डॉक्टर्स ने स्मृति को फोन पर बताया कि उनके प्लाज्मा से करीब 4 मरीज ठीक हो सकते हैं, जिसके बाद उन्होंने अपनी फैमिली से बात करके इसे डोनेट कर दिया।
जागरण ग्रुप कर रहा है सम्मानित
प्लाज्मा डोनेट करने के लिए स्मृति ने जो साहस दिखाया है वो वाकई सहारनीय है इसलिए जागरण समूह की ओर से उन्हें OMH Healthcare Heroes Award के लिए नामांकित्र किया गया है। बता दें कि स्मृति का नाम Editor's Choice के तहत नॉमिनेट किया गया है।