बदलते मौसम में वायरल बुखार, सर्दी-खांसी, जुकाम, गला दर्द जैसे परेशानियां हो जाती है। मगर, कई बार बुखार से ठीक होने के बाद भी शरीर में कमजोरी महसूस होती है। दरअसल, ज्यादातर मौसमी बीमारियां शरीर की इम्यूनिटी कमजोर होने की वजह से होती है। ऐसे में बीमारी ठीक होने के बाद भी शरीर में कमजोरी महसूस होती है क्योंकि इम्यूनिटी बूस्ट होने में समय लगता है। यहां हम आपको कुछ टिप्स देंगे, जिससे आप वायरल बुखार के बाद आई शारीरिक कमजोरी को दूर कर सकते हैं।
लिक्विड डाइट लें
डिहाइडेशन से बचने के लिए खूब पानी पिएं। इसके अलावा डाइट में नारियल पानी, जूस, आदि शामिल करें। इसके अलावा आप अदरक, शहद, काली मिर्च का काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं।
अदरक-लहसुन
भोजन में अदरक, लहसुन, काली मिर्च, जीरा, हींग, हल्दी और धनिए आदि का इस्तेमाल जरूर करें। ये इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ पाचन क्रिया को दुरुस्त रखते हैं। साथ ही इससे शरीर कोवायरल के कीटाणुओं से लड़ने की ताकत मिलती है।
तुलसी
तुलसी एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधी है, जो खांसी, जुकाम, बुखार में कारगार है। वहीं, कमजोरी दूर करने में भी यह काफी फायदेमंद है। इसके लिए आप तुलसी की चाय का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं।
पत्तेदार सब्जियां
वायरल बुखार में अधिक से अधिक पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, हरी बीन्स लें। यह इम्यूनिटी को बढ़ाने के साथ खून में प्लेटलेट्स की मात्रा भी बढ़ाती हैं।
केला और सेब
पोटेशियम से भरपूर केले और सेब का सेवन भी जरूर करें। इसमें ऐसा इलेक्ट्रोलाइट होता है जो वायरल बुखार को ठीक करके शरीर में नई जान डालता है।
गिलोय का सेवन करें
कमजोरी को दूर करने के लिए दिन में 1 गिलास गिलोय का काढ़ा या जूस पीए। एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीबैक्टीरियल गुण गिलोय वायरल इंफेक्शन जैसी समस्याओं को दूर करने में मददगार है।
अधिक विटामिन्स लें
बुखार में विटामिन ए, बी और सी रे अलावा प्रोटीन और कार्बोहाईड्रेट युक्त फूड्स का सेवन करें। साथ ही ध्यान रखें कि आप डाइट में जो भी लें वो पचाने में आसान हो जैसे वेजिटेबल सूप, दलिया, उबले अंडे, ओटमील, फ्रूट कस्टर्ड या उबले चावल।