हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का खास महत्व है। मां के नौ रुपों की पूजा की जाती है। मां दुर्गा की अखंड ज्योति और घट स्थापना कर उपवास रखे जाते हैं। नवरात्रि दिनों में खुद व घर की साफ- सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है लेकिन कई बार इन दिनों में महिलाएं मासिक धर्म चक्र में आ जाती हैं तो ऐसे में उन्हें मंदिर जाने की मनाही होती है ऐसे में महिलाओं को इसी बात की चिंता होती हैं कि अब वह व्रत व मां दुर्गा की पूजा कैसे करेगी। लेकिन घबराइए मत क्योंकि शास्त्रों के अनुसार, कुछ नियमों का पालन कर आप पूजा भी कर सकती हैं और व्रत भी रख सकती हैं।
इस तरह रखें व्रत
जिन महिलाओं को नवरात्रि के बीच यह समस्या होने की आशंका हो वह पहला और आखिरी व्रत रख सकती हैं। अगर आपको इन दिनों कमजोरी फील नहीं होती तो आप मगर इस दौरान मंदिर में जाने व माता की मूर्ति को छूने से बचना चाहिए। भगवान तो भक्तों की सच्ची भक्ति के भूखे होते हैं। ऐसे में शरीर से पहले मन शुद्ध होना चाहिए।
इस तरह करें पाठ-पूजा
नवरात्रि के पूरे नौ दिनों तक लोग घरों व मंदिरों में दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं। मगर मासिक धर्म में मंदिर जाने और किसी भी धार्मिक चीज व किताब को छूने की मनाही होती है। ऐसे में निराश होने की जगह आप अपने मोबाइल या लैपटॉप पर ऑनलाइन पाठ सुन कर पढ़ सकते हैं। इसके लिए पहले स्नान कर साफ कपड़े पहने। फिर किसी एकांत जगह पर बैठकर सच्चे मन से मां की भक्ति करें। आप पहले से ही व्रत रखने का संकल्प ले चुकी है तो पूजा खुद न करें। घर के पूजा रूम में भी न जाएं। देवी मां के व्रत रख घर के किसी सदस्य से अपना नाम लेकर पूजा करवाएं। आप चाहे तो पाठ भी उनसे सुन सकती है।
मन से ध्यान लगाना जरूरी
अगर आप इन पावन दिनों में ठीक नहीं है तो ऐसे में निराश न हो। ऐसे में देवी का सच्चे मन से जाप करें। अपना सारा ध्यान उनकी भक्ति पर लगाएं। इस तरह देवी मां आप पर प्रसन्न होकर मनोवांछित फल देगी।
अंतिम व्रत तक मासिक धर्म हो तो...
सारे व्रत रखने पर अगर आखिर व्रत तक मासिक धर्म की परेशानी हो तो अपना व्रत पूरा करें। ऐसे में जिस समय आप ठीक हो जाए दोबारा सिर नहा कर साफ कपड़े पहनें। फिर देवी मां की पूजा करें।