कोरोना के कारण लोगों लोग अपने प्रियजनों को खो चुके हैं। अपनों को खोने का दुख उनके बेहतर कोई नहीं समझ सकता। मगर, आंध्रप्रदेश में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, आंध्र प्रदेश, कृष्णा जिले के जग्गैयापेट कस्बे में 75 की गिरिजाम्मा नाम की एक महिला को कोरोना हो गया था, जिसके बाद जिले के सरकार हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया।
अस्पताल प्रशासन ने बताया पत्नी की हो गई मौत
इसके ठीक 4 दिन बाद महिला का पति गदय्या उसका हालचाल पूछने हॉस्पिटल पहुंचा तो वह बेड से गायब थी। स्टाफ ने बताया कि उनकी पत्नी को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। मगर, बहुत ढूंढने के बाद भी उनकी पत्नी नहीं मिली, जिसके बाद अस्पताल की नर्सों ने उनसे कहा कि शायद उनकी मौत हो चुकी है।
सामने आई हॉस्पिटल की लापरवाही
आखिर में हॉस्पिटल कर्मचारियों ने कहा कि उनकी पत्नी को शवगृह में जाकर ढूंढे। फिर उसे एक मृत शरीर अपनी पत्नी जैसा लगा तो कर्मचारी ने उस बुजुर्ग महिला का शव मृत्यु प्रमाणपत्र के साथ उसे सौंप दिया। पत्नी की मौत से दुखी पति व महिला के परिजनों ने शव को घर लाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। इसके बाद उनके बेटे मुथयाला रमेश की भी कोरोना से अस्पताल में मौत हो गई।
घर लौटने पर जिंदा मिली पत्नी
हद तो तब हो गई जब कोविड पीड़ित वृद्ध महिला ठीक होकर पुत्र की मौत के अगले दिन अपने घर लौटी। वहइस बात से नाराज थी कि डिस्चार्ज होने के बाद उसे कोई लेने नहीं आया लेकिन घर पहुंचकर उसे पता चला कि परिवार वालों ने तो उसका अंतिम संस्कार कर दिया है। तब उनके परिवार को पता चला कि वो गलती से किसी ओर का शव ले आए हैं।
कोरोना के डर से नहीं देखा चेहरा
परिवार व गांववालों ने कहा कि कोरोना के डर से उन्होंने पॉलिथीन में लिपटे हुए शव का चेहरा नहीं देखा। यही नहीं, महिला के पति ने बताया कि अस्पताल ने उन्हें घर वापिस लौटने के लिए 3000 रु भी दिए। फिलहाल हॉस्पिटल के खिलाफ केस दर्ज करके जांच की जा रही है।