बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते हैं अपनी आस-पास के माहौल को समझने की कोशिश करते हैं। उनमें हर चीज को जानने की जिज्ञासा और इच्छा बढ़ती है। इसके चलते वह बार-बार माता-पिता से 'क्यों और कैसे' वाले कई सवाल पूछते रहते हैं। मगर, कई पेरेंट्स बच्चों की इस आदत से परेशान हो जाते हैं। वहीं, कुछ पेरेंट्स बच्चों को सवाल ना पूछने के लिए गुस्सा करते हैं या उन्हें टाल देते हैं जबकि यह गलत है। बेशक माता-पिता के लिए यह मुश्किल घड़ी है लेकिन उन्हें शांति व प्यार से बच्चों की जिज्ञासा का शांत करना चाहिए। आज हम आपको बताएंगे कि बच्चों के हर 'क्यों-कैसे' जैसे सवाल से कैसे निपट सकते हैं।
बच्चे क्यों पूछते हैं ऐसे सवाल?
एक्सपर्ट की मानें तो बच्चे जो कुछ भी अनुभव करते हैं वही सवाल पूछते हैं। जैसे बच्चा आपसे पूछता है कि " आप कार से कहां जा रहे हैं'? असल में वो यह जानना चाहता है कि क्या आप उसे भी साथ लेकर जाएंगे। ऐसे में अगर बच्चे को इस सवाल का जवाब नहीं देना चाहते तो उन्हें दूसरी बातों में लगाएं, ना कि उन्हें डांटे या गुस्सा करें।
बच्चों को करें प्रोत्साहित
हर बच्चे एक उम्र में अधिक जिज्ञासु बन जाते हैं लेकिन बच्चों का बार-बार सवाल करना, माता-पिता को चिड़चिड़ा बना देता है। मगर, हर बात पर सवाल पूछना एक अच्छी आदत है, जिससे बच्चे खुद को स्थिति में ढालना सीखते हैं। ऐसे में बच्चाें काे सवाल पूछने के लिए प्राेत्साहित करते रहें।
पेरेंट्स कैसे दें हर 'क्यों-कैसे' का जबाव?
बच्चों को ना करें निराश
बच्चाें काे हतोत्साहित करने से वो आगे किसी बात को लेकर सवाल नहीं करें बल्कि सीधा अपने मन की बात कहेंगे। ऐसे में उनके सवालों का साधारण जवाब देने की कोशिश करें, जिससे वो संतुष्ट हो सके और आपको भी परेशानी ना हो।
कुछ न कुछ जवाब जरूर दें
अक्सर जवाब ना पता होने पर पेरेंट्स बच्चे को इग्नोर करने लगते हैं या डांट देते हैं, जो गलत है। उन्हें कोई ना कोई जवाब जरूर दें। अगर आपको उत्तर नहीं भी पता तो आप उन्हें बोलें कि 'मुझे पूरी जानकारी नहीं'।
मजाक में समझाएं
आप बच्चों को हंसी-मजाक में हर सवाल का जवाब दे सकते हैं, जिससे वो खुश भी हो जाए और आपको भी दिमाग न लगाना पड़े।
खुद को ना करें प्रूफ
आपको बच्चे के सामने खुद को प्रूफ नहीं करना या यह नहीं दिखाना कि आपको सब कुछ आता है। ऐसे में अगर आपको किसी सवाल का जबाव नहीं पता तो उन्हें आराम से समझाएं।
बच्चों के साथ मिलकर ढूंढे जवाब
हो सके तो बच्चे के साथ मिलकर उसका जवाब ढूंढें। इससे आपकी नॉलेज भी बढ़ेगी। साथ ही इससे उन्हें टीम वर्क की अहमियत भी समझ में आएगी।
याद रखें... बच्चा आपसे सवाल तब तक ही सवाल करेगा, जब तक वह छोटा है। बड़े होने पर वह अपने सवालों के जवाब खुद ही ढूंढने लग जाएगा इसलिए इस उम्र में उनका साथ दें।