कोरोना वायरस (COVID-19) का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। दुनियाभर में 3200 लोगों की जान ले चुका यह वायरस अब भारत में भी तेजी से पैर पसार रहा है। हालांकि चीन ने इस वायरस को खत्म करने की दवा खोज ली है। मगर, क्या आप जानते हैं कि यह वायरस आपको आखिर प्रभावित कैसे करता है।
चलिए आपको बताते हैं कोरोना से जुड़ी कुछ ऐसा बातें जो हर किसी के लिए जानना बहुत जरूरी है...
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस वायरस को 'कोविड-19' (COVID 19) नाम दिया है। को - कोरोना, वि- वायरस, डी - डीजीज। ऐसा इसलिए क्योंकि, पहली बार इसकी पहचान 2019 में की गई। बता दें कि इस वायरस को पहले सार्स कोरोना वायरस भी समझा जा रहा था क्योंकि यह काफी हद तक एक जैसे हैं। हालांकि कोरोना सार्स से ज्यादा खतरनाक है।
लोगों में कैसे पहुंचा कोरोना वायरस?
कोरोना वायरस इंसान के बाल से लगभग 900 गुना बारीक है इसलिए ये बड़ी आसानी से इंसान को अपना शिकार बना सकता है। यह वायरस चमगादड़ से पैगोंलिन (एक प्रकार की छिपकली) और उनके लोगों तक पहुंचा।
यह इंफैक्शन सिर्फ इंसानों के संपर्क में आने से ही नहीं बल्कि निर्जीव वस्तुओं को छूने से भी फैलता है। लकड़ी, गिलास, प्लास्टिक या धातु से बनी चीजों पर यह वायरस 9 दिनों तक जिंदा रह सकते हैं। वहीं 4 डिग्री या उससे कम तापमान में तो यह जानलेवा वायरस 1 महीने से भी ज्यादा समय तक जीवित रह सकते हैं। जबकि 30 डिग्री या इससे ज्यादा तापमान में इनके जिंदा रहने की क्षमता कम हो जाती है।
क्या किस करने से फैलता है वायरस?
WHO का कहना है कि कोरोना वायरस सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिसीज नहीं है लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि पीड़ित व्यक्ति को Kiss करने से ये यह वायरस फैल सकता है।
क्या बारिश से बढ़ेगी मुसीबत?
यह वायरस ठंड में तेजी से प्रक्रिया करता है हालांकि मौसम से इसका क्या संबंध है इसके बारे में अभी कोई पुष्टि नहीं की गई है क्योंकि यह वायरस महज 2 महीने पहले ही अस्तित्व में आया है। हालांकि ऐसा कहा जा रहा है कि गर्मी में यह वायरस खत्म हो सकता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि बारीश में इसकी संभावना बढ़ सकती है क्योंकि ठंड में कोरोना वायरस तेजी से बढ़ता है।
हवा से भी फैलता है यह वायरस
कोरोना वायरस (कोविड-19) ड्रॉपलेट से बढ़ने वाली बीमारी है क्योंकि छींकने या खांसने के बाद इसके ड्रॉपलेट हवा में बिखर जाते हैं। बारिश के बाद हवा में नमी बनती है, जिसमें कोरोना वायरस के ड्रॉपलेट ज्यादा देर तक मौजूद रह सकते हैं।
ठंड में ही कोरोना वायरस क्यों?
चीन के अलावा कोरोना वायरस दुनिया के लगभग 85 देशों को अपनी चपेट में ले चुका है। चीन में इस वायरस की शुरुआत तब हुई जब वहां अच्छी-खासी ठंड थी। इसके लक्षण भी सर्दी, खांसी और बुखार से मिलते जुलते हैं जो आम सर्दी के लक्षण की तरह दिखते हैं।
कमजोर इम्यून सिस्टम वालों को ज्यादा खतरा
कमजोर इम्यून सिस्टम वालों, बीमार और बुजुर्ग लोगों को इसका सबसे अधिक खतरा है इसलिए लोगों को अपना इम्यून सिस्टम मजबूत रखने की जरूरत है। उम्रदराज लोगों की मौतें इसलिए ज्यादा हुई है, क्योंकि उम्र के साथ उनकी इम्यूनिटी कम हो जाती है। रोगों से लड़ने की क्षमता कम होने के कारण वह कोरोना के असर से नहीं बच पाए। चिकित्सकों ने बताया कि साफ-सफाई, खुला वातावरण, तापमान बनाए रखने समेत इम्यूनिटी बढ़ाने वाले खानपान पर ध्यान देना चाहिए।
लक्षणों को समय रहते पहचानें...
. अचानक बुखार
. सांस लेने में तकलीफ।
. खांसी व सर्दी-जुकाम।
. शरीर में तेज दर्द के साथ कमजोरी।
. किडनी और लिवर में तकलीफ।
. पाचन क्रिया में परेशानी।
इन बातों का रखें ध्यान
. बार-बार आंख, नाक मुंह छूने से बचें।
. सार्वजनिक स्थानों पर जाने से पहले मास्क पहनें।
. संक्रमित लोगों से दूरी बनाकर रखें।
. सर्दी, जुकाम, बुखार और कफ होने पर चेकअप करवाएं।
. कम से कम 30 सेकंड तक साबुन से हाथ धोएं।
. हैंड सैनेटाइजर से बार-बार हाथ धोते रहें।
. साफ-सफाई का खास ध्यान रखें और कमरे को गर्म रखने की कोशिश करें।
. ऐसे शहरों में ट्रैवलिंग करने से बचे जहां कोरोना फैला हुआ है।
कोरोना वायरस का तापमान से क्या संबंध है इस पर अभी रिसर्च चल रही है लेकिन सार्स और मर्स के मामले देखते हुए ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि गर्मी बढ़ने से कोरोना वायरस कम होगा।