कोरोना काल के बीच सरकार ने स्कूल और काॅलेज ना खोलने का आदेश दिया है। लेकिन एक ऐसा गांव है जो सरकार के इस आदेश की धज्जियां उड़ा रहा है। जी हां, हम बात कर रहे हैं कलामपुरा गांव के एक सरकारी स्कूल की जहां बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। यह गांव हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के गृह जिले का है।
बच्चों को स्कूल बुलाकर पढ़ाया जा रहा
जब इस मामले को मीडिया सामने लेकर आई तो स्कूल की प्रिंसीपल सीमा ने बहाने बनाने शुरू कर दिए। करनाल के कलामपुरा गांव के राजकीय उच्च विद्यालय में बच्चों को पढ़ाया जा रहा था। हालांकि सरकार की तरफ से स्कूल खोलने को लेकर किसी भी तरह की कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। इसके बावजूद इस स्कूल को खोला गया। वहीं इस स्कूल में बच्चों को बिना किसी सुरक्षा के पढ़ाया जा रहा था।
बच्चों और प्रिंसीपल ने नहीं लगाया मास्क
स्कूल में पढ़ने आए बच्चों ने मुंह पर मास्क भी नहीं लगाया हुआ था। यहां तक कि खुद स्कूल के प्रिंसीपल ने भी मास्क नहीं लगाया हुआ था। हालांकि कुछ टीचर्स ने मास्क पहना हुआ था। लेकिन इस समय सवाल ये उठता है कि स्कूल प्रशासन बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ क्यों कर रहा है? जब मीडिया ने इस मामले में स्कूल के प्रिंसिपल से बात की तो उन्होंने कहा कि बच्चों को उनकी क्लास की बुक इशु करवाने के लिए बुलाया गया है।
लेकिन लाइब्रेरी स्टाफ का कहना है कि यहां कोई भी बच्चा किताब लेने नहीं आया। अब प्रिंसीपल बच्चों को स्कूल बुला लेती है तो हम क्या कह सकते हैं। जबकि एक गुरु की ये जिम्मेदारी बनती है कि वह बच्चों की जान को खतरे में ना डालें। लेकिन यहां स्कूल प्रशासन को कोरोना वायरस का कोई डर नहीं है और ना ही किसी कार्रवाई का डर है। अब देखना ये है कि जिला शिक्षा विभाग इस मामले में क्या कदम उठाता है।