नारी डेस्क: गाजा में एक खतरनाक वायरस तेजी से फैल रहा है, जो लकवे जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन रहा है। खासकर भूख और कुपोषण से जूझ रहे बच्चे इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। यहां न तो उन्हें सही समय पर पौष्टिक आहार मिल पाता है और न ही उचित इलाज। गाजा की मौजूदा स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि डॉक्टर भी इस बीमारी से लड़ने में असमर्थ महसूस कर रहे हैं।
क्या है यह बीमारी?
डॉक्टरों के अनुसार, गाजा में इन दिनों एक्यूट फ्लैसिड पैरालिसिस (Acute Flaccid Paralysis) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह एक दुर्लभ स्थिति है जिसमें मांसपेशियां अचानक कमजोर हो जाती हैं और मरीज को सांस लेने और निगलने में भी कठिनाई होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी के फैलने की मुख्य वजह इजराइली बमबारी के कारण गाजा की सीवेज और स्वच्छता व्यवस्था का पूरी तरह से ध्वस्त हो जाना है।
मामलों में अचानक वृद्धि
Politico की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2023 से पहले इस बीमारी के मामले बेहद कम थे, लगभग सालाना सिर्फ 12 केस दर्ज होते थे। लेकिन पिछले तीन महीनों में करीब 100 नए मामले सामने आए हैं। जॉर्डन और इजराइल में भेजे गए लैब सैंपल्स में एंटरोवायरस नामक वायरस की पुष्टि हुई है। यह वायरस संक्रमित पानी और गंदगी के संपर्क से फैलता है। गाजा के खान यूनिस इलाके में गंदा पानी और सीवेज का जमाव आम है, जिससे संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है। साथ ही, गुलियन बार सिंड्रोम के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं, जो एक और गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्या है।

बच्चों पर सबसे ज्यादा असर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, 31 जुलाई तक 15 साल से कम उम्र के बच्चों में 32 मामले दर्ज किए गए हैं। WHO ने माना है कि जांच प्रणाली बेहतर होने के साथ-साथ गाजा में खराब स्वास्थ्य सेवाएं, कुपोषण और गंदगी इस समस्या को बढ़ावा दे रही हैं। इस साल जांच किए गए लगभग 70% मामलों में नॉन-पोलियो एंटरोवायरस पाया गया है, जबकि पहले यह केवल 26% था।
इलाज के साधन और दवाइयों की भारी कमी
डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी का इलाज करना बहुत मुश्किल हो गया है क्योंकि गाजा में इलाज के लिए आवश्यक दवाइयां और मशीनें उपलब्ध नहीं हैं। गाजा के प्रमुख अस्पताल अल-शिफा अस्पताल, जो 2024 की शुरुआत में इजराइल की बमबारी में काफी प्रभावित हुआ था, में अब तक 22 गुलियन-बार सिंड्रोम के मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से तीन बच्चों की मौत हो चुकी है और 12 बच्चे स्थायी लकवे का शिकार हो गए हैं। इस बीमारी के इलाज के लिए इंट्रावेनस इम्युनोग्लोब्युलिन (IVIG) और प्लाज़्मा एक्सचेंज जैसी आधुनिक तकनीकों की जरूरत होती है, जो गाजा में नाकाबंदी के चलते उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं।
एक्यूट फ्लैसिड पैरालिसिस (Acute Flaccid Paralysis) क्या है और इसका इलाज
एक्यूट फ्लैसिड पैरालिसिस (AFP) क्या है?
एक्यूट फ्लैसिड पैरालिसिस (AFP) एक ऐसी बीमारी है जिसमें मांसपेशियां अचानक कमजोर और लूज (फ्लैक्सिड) हो जाती हैं। इसका मतलब है कि मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं और मरीज को अपने शरीर के अंगों को ठीक से हिलाने या नियंत्रित करने में दिक्कत होती है। यह लकवे जैसा लक्षण देता है और कुछ मामलों में मरीज की सांस लेने या निगलने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है। यह बीमारी मुख्य रूप से वायरस के संक्रमण के कारण होती है, जैसे पोलियो वायरस या नॉन-पोलियो एंटरोवायरस। यह वायरस संक्रमित पानी, गंदगी या संपर्क के जरिए फैलता है। खासकर बच्चों में यह बीमारी ज्यादा देखी जाती है।
एक्यूट फ्लैसिड पैरालिसिस के लक्षण
मांसपेशियों की अचानक कमजोरी
अंगों का ठीक से हिलना मुश्किल होना
कमजोरी के कारण चलने-फिरने में दिक्कत
सांस लेने या निगलने में परेशानी (कुछ गंभीर मामलों में)
शरीर के कुछ हिस्सों में लकवा या पूरी तरह कमजोरी

इसका इलाज कैसे किया जाता है?
एक्यूट फ्लैसिड पैरालिसिस का कोई विशेष और त्वरित इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन समय पर चिकित्सा सहायता मिलने पर मरीज की स्थिति में सुधार हो सकता है। इलाज के मुख्य तरीके हैं:
इंट्रावेनस इम्युनोग्लोब्युलिन (IVIG): यह दवा शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करती है और वायरस से लड़ने में सहायक होती है।
फिजियोथेरेपी: मांसपेशियों की ताकत वापस लाने और हिलने-डुलने की क्षमता बढ़ाने के लिए नियमित फिजियोथेरेपी जरूरी होती है।
सपोर्टिव केयर: सांस लेने में दिक्कत हो तो मशीन की मदद ली जाती है। साथ ही मरीज की निगरानी और पोषण का ध्यान रखा जाता है।
प्लाज्मा एक्सचेंज: कुछ गंभीर मामलों में प्लाज्मा एक्सचेंज थैरेपी भी दी जाती है, जिससे शरीर से हानिकारक पदार्थ बाहर निकाले जाते हैं।
रोकथाम के उपाय
स्वच्छ पानी पीना और साफ-सफाई का ध्यान रखना। पोलियो और अन्य आवश्यक टीकाकरण । समय पर कराना संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखना
सही और पौष्टिक आहार लेना।
गाजा की वर्तमान स्थिति बेहद चिंताजनक है, जहां एक खतरनाक वायरस तेजी से फैल रहा है और बच्चों सहित लोगों की जान को बड़ा खतरा है। खराब स्वच्छता, कुपोषण और मेडिकल सप्लाई की कमी इस समस्या को और गंभीर बना रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहायता की जरूरत है ताकि गाजा के लोग इस महामारी से लड़ सकें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के लिए है। स्वास्थ्य संबंधित किसी भी समस्या के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें।