नारी डेस्क: गरुड़ पुराण, हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में से एक, जीवन, मृत्यु, स्वर्ग और नरक के बारे में गहन जानकारी प्रदान करता है। इस पुराण के अनुसार, मृत्यु के बाद आत्मा यमराज के दरबार में पहुंचती है, जहां उसके सभी कर्मों का लेखा-जोखा रखा जाता है। खासकर झूठ बोलने वालों के लिए इस पुराण में सजा का विशेष प्रावधान है, जो सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी।
झूठ बोलने वालों की सजा
गरुड़ पुराण में यह बताया गया है कि जो लोग झूठ बोलते हैं, उन्हें तप्तकुंभ नामक नरक में दंडित किया जाता है। इस नरक में चारों ओर आग जलती है और गर्म घड़े होते हैं, जिनमें गर्म तेल और लोहे का चूर्ण होता है। यमदूत इन पापियों को इसी गर्म घड़े में मुंह के बल डालते हैं। यह सजा न केवल शारीरिक पीड़ा देती है, बल्कि आत्मा के लिए भी अत्यंत दुखदायी होती है।
कर्मों का लेखा-जोखा
जब किसी की मृत्यु होती है, तो यमदूत उसकी आत्मा को यमराज के दरबार ले जाते हैं। वहां चित्रगुप्त सभी कर्मों का लेखा-जोखा पेश करता है। अच्छे और बुरे कर्मों के आधार पर ही यह तय किया जाता है कि आत्मा को कौन सा नरक भोगना होगा। इसलिए गरुड़ पुराण में यह सिखाया गया है कि जीवन में हमेशा सच बोलना चाहिए और किसी का अहित नहीं करना चाहिए।
जीवन का संदेश
गरुड़ पुराण का संदेश स्पष्ट है: जीवन में किए गए अच्छे और बुरे कर्मों का फल हमें अवश्य मिलता है। इसलिए, झूठ बोलने के दुष्परिणामों को समझना और उनसे बचना न केवल धार्मिक, बल्कि नैतिक जिम्मेदारी भी है। इस पुराण के अनुसार, सत्य बोलने वाले व्यक्ति को नरक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है, जबकि झूठ बोलने वाले को हमेशा के लिए शांति नहीं मिलती।
इस प्रकार, गरुड़ पुराण केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह जीवन के लिए एक मार्गदर्शक भी है। इसका अनुसरण करके हम न केवल अपने जीवन को सुधार सकते हैं, बल्कि आत्मा की शांति भी प्राप्त कर सकते हैं।