जन्म के बाद शुरुआती समय में बच्चे की स्किन और बालों में कुछ बदलाव आता है। ऐसे में इस दौरान उसकी स्किन का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। इस समय शिशु की त्वचा से पपड़ी भी निकली है जो एक सामान्य प्रक्रिया है। इसे वेरनिक्स कहते हैं। एक्सपर्ट अनुसार, नवजात की त्वचा बेहद कोमल व नाजुक होती है। इसलिए इसे रगड़ना नहीं चाहिए। इसके अलावा इस दौरान उसे क्रीम या लोशन लगाने भी जरूरी नहीं होता है। ऐसे में अगर आप नए-नए पेरेंट्स बने हैं या बनने जा रहे हैं जो आज हम आपको शिशु की स्किन की देखभाल करने के कुछ टिप्स बताते हैं...
बच्चे की त्वचा को पोषित करने के लिए तेल मालिश
छोटे बच्चे की त्वचा को पोषित करने के लिए आप तेल मालिश करें। इसके लिए आप नारियल, बादाम, जैतून आदि का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। ये नेचुरल और बिना खुशबू के होते हैं। इससे बच्चे की स्किन गहराई से पोषित व मुलायम होती है। इसके साथ ही तेल मसाज करने से बच्चे की हड्डियां व मांसपेशियां मजबूत होती है।
माइल्ड साबुन का इस्तेमाल करें
नवजात शिशु की त्वचा बेहद कोमल व नाजुक होती है। इसलिए उसकी स्किन पर कैमिकल वाली चीजें इस्तेमाल करने से रैशेज या एलर्जी की समस्या हो सकती है। इसलिए आप उसके लिए माइल्ड प्रोडक्ट ही चुनें। अगर बच्चे को रैशेज की परेशानी हो तो कुछ दिनों में ये ठीक ना होने पर तुरंत एक्सपर्ट की सलाह लें।
बच्चे की त्वचा पर ज्यादा पाउडर ना लगाएं
नहाने के बाद बच्चे की स्किन को अच्छे से सुखाकर ही कम मात्रा में ही पाउडर लगाएं। इसके साथ ही कैमिकल व ज्यादा खुशबू वाला पाउडर लगाने से बचें। इससे शिशु की स्किन पर एलर्जी, रैशेज आदि हो सकते हैं।
बच्चे को साफ कपड़े पहनाएं
आप चाहे तो अपने नवजात शिशु को 1-2 दिन छोड़कर नहला सकते हैं। मगर उसके शरीर को गीले कपड़े से रोजाना साफ करके साफ व कोमल कपड़े पहनाएं। बिना धुले कपड़े बच्चे को पहनाने से उसे ड्राई स्किन, रैशेज या अन्य कोई स्किन प्रॉब्लम हो सकती है। इसके अलावा अगर घर में कोई स्किन एलर्जी पीड़ित हो तो उसे बच्चे से दूर रखें। अगर शिशु के चेहरे, सिर, कोहनी या घुटनों पर लाल रैशेज हो तो ये एक्जिमा के लक्षण हो सकते हैं।
बच्चे के नाखूनों की सफाई रखें
छोटे बच्चों के नाखून जल्दी ही बढ़ जाते हैं। ऐसे में वे नाखून अपने ही चेहरे या शरीर पर मारकर खुद को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा नाखूनों में गंदगी होने से वह बीमार पड़ सकता है। इसलिए आप समय-समय पर नेल कटर की मदद से बच्चे के नाखून काट लें।
डायपर रैशेज से करें बचाव
छोटे बच्चों को डायपर रैशेज की समस्या होने का खतरा रहता है। इसके कारण शिशु को खुजली, रैशेज और रेडनेस की समस्या होती है। इससे बचने के लिए शिशु का समय-समय पर डायपर बदलते रहें। इसके साथ ही डायपर गीला होने पर बच्चे की स्किन को अच्छे से सुखाकर ही नया डायपर पहनाएं।
तेज धूप में ले जाने से बचें
शिशु की स्किन बेहद नाजुक होती है। ऐसे में तेज धूप के संपर्क में आने से उसकी स्किन में सनबर्न हो सकती है। ऐसे में आप उसे विटामिन डी दिलाने के लिए सुबह के समय कुछ देर तक ही धूप में ले जाएं।
pc: freepik