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त्वचा ही नहीं पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है फेस वॉश ! यहां जानें कैसे

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 27 Aug, 2024 01:08 PM
त्वचा ही नहीं पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है फेस वॉश ! यहां जानें कैसे

नारी डेस्क:  टूथपेस्ट, फेस वॉश, स्क्रब, नेल पेंट, सनस्क्रीन, लोशन, शेविंग क्रीम जैसी ये रोजाना इस्तेमाल करने वाली चीजों के खतरे से लगभग हर कोई अनजान है। इन कॉस्मेटिक उत्पादों (पीसीसीपी) में हानिकारक सूक्ष्म प्लास्टिक होते हैं, जो हमें बेहद नुकसान पहुंचा सकते हैं। भारत को अन्य देशों की तरह इन उत्पादों में पाए जाने वाले खतरनाक माइक्रोबीड्स को लेकर सख्त कदम उठाने की जरूरत है। 


त्वचा और पर्यावरण दोनों की सुरक्षा जरूरी 

दरसअल माइक्रोबीड्स 5 मिमी व्यास के प्लास्टिक से बने गोलाकार दाने होते हैं। यह पानी में घुलते नहीं है। इन्हें त्वचा की  देखभाल के लिए बनाए गए पर्सनल केयर उत्पादों में त्वचा से मृत कोशिकाओं को हटाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इन प्लास्टिक कणों का उपयोग एक्सफोलिएशन के लिए किया जाता है, लेकिन वे चेहरे की त्वचा और पर्यावरण दोनों के लिए समस्याएं पैदा कर सकते हैं। 


कण स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं

हाल ही में किए गए अध्ययन में 45% उत्पादों में माइक्रोबीड्स पाए गए हैं। माइक्रोबीड्स इंसानों में हार्मोनल असंतुलन, मेटाबॉलिज्म में बाधा, सांस लेने में कठिनाई जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। नीदरलैंड्स समेत कई देश माइक्रोबीड्स पर 2014, अमेरिका 2015 और ब्रिटेन 2018 में प्रतिबंध लगा चुका है। भारत ने 2011 से एकल-उपयोग प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन माइक्रोबीड्स से संबंधित कोई विशेष प्रतिबंध नहीं है। ऐसे में इस पर ध्यान देने की सख्त आवश्यकता है। 


चेहरे को पहुंचने वाले नुकसान

माइक्रोबीड्स त्वचा पर अत्यधिक रगड़ के कारण जलन पैदा कर सकते हैं। ये कण त्वचा की बाहरी परत को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे त्वचा सूखी, लाल और संवेदनशील हो सकती है। माइक्रोबीड्स का खुरदरा बनावट त्वचा पर छोटे-छोटे कट्स पैदा कर सकता है, जो सूक्ष्म होते हैं और उन्हें तुरंत देखा नहीं जा सकता। इससे त्वचा में संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है।


लॉन्ग-टर्म डैमेज

 लगातार माइक्रोबीड्स वाले उत्पादों का उपयोग त्वचा के प्राकृतिक ऑयल बैलेंस को बिगाड़ सकता है, जिससे त्वचा की उम्र तेजी से बढ़ सकती है और समय से पहले झुर्रियां दिखाई दे सकती हैं। माइक्रोबीड्स बहुत छोटे होते हैं और आमतौर पर पानी के साथ निकल जाते हैं। वे जल निकासी प्रणाली से गुजरकर नदियों, झीलों और समुद्रों में पहुंच जाते हैं, जिससे जल प्रदूषित हो जाता है । ये कण समुद्री जीवन के लिए हानिकारक होते हैं और भोजन की श्रृंखला में प्रवेश कर सकते हैं।


इस तरह करें बचाव 

-चीनी, कॉफी ग्राउंड, ओटमील, या मुल्तानी मिट्टी जैसी प्राकृतिक सामग्रियों से बने एक्सफोलिएंट्स का उपयोग करें। ये त्वचा के लिए सुरक्षित हैं और पर्यावरण के लिए भी हानिरहित हैं।

-प्लास्टिक कणों से मुक्त और त्वचा के लिए सुरक्षित फेस वॉश और एक्सफोलिएंट्स चुनें। लेबल पर 'microbead-free' या 'natural exfoliant' की जांच करें।

-फेस वॉश में मौजूद प्लास्टिक कण आपकी त्वचा के लिए तुरंत कुछ फायदेमंद लग सकते हैं, लेकिन लॉन्ग-टर्म में वे हानिकारक साबित हो सकते हैं। प्राकृतिक और सुरक्षित विकल्पों का चयन करना सबसे बेहतर उपाय है।

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