तनाव और जिंदगी की परेशानियों से थक जाने पर इंसान इतना थक जाता है कि उसे मौत को गले लगाना सही लगता है। दुख की बात यह है कि भारत में हर 30 मिनट पर एक गृहिणी दे रही है। सती प्रथा, विधवा विवाह, बाल विवाह समस्याओं से जूझती महिलाओं या लड़कियों की परिस्थिति बदली तो जरूर है पर बावजूद इसके महिलाएं आत्महत्या का रास्ता ही क्यों चुन रही हैं?
लोकसभा में जारी किए गए आंकड़े
हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार इस साल 23,179 गृहिणियों ने मौत को गले लगाया है, जिसमें प्रत्येक दिन 63 और हर 30 मिनट में एक महिला ने खुदकुशी की है। लोकसभा में सरकार द्वारा पेश किये गए आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021 में 23179 गृहणियों, 15870 पेशेवर/वेतनभोगी व्यक्तियों, 1898 सरकारी सेवकों, निजी क्षेत्र के उद्यमों से जुड़े 11431 लोगों, सार्वजिनक क्षेत्र के उपक्रमों से जुड़े 2541 कर्मियों ने आत्महत्या की ।
हजारों मजदूर ले रहे अपनी जान
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा पेश राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार देश में वर्ष 2021 में प्रतिदिन औसतन 115 दिहाड़ी मजदूरों और 63 गृहणियों ने आत्महत्या की तथा इस वर्ष पूरे देश में आत्महत्या के 1,64,033 मामले दर्ज किये गए । वर्ष 2021 में 5318 किसानों के अलावा खेतिहर मजदूरों की सहायता से या उनके बिना अपनी जमीन पर खेती करने वाले 4806 लोगों, खेतिहर मजदूरों की सहायता से या बिना पट्टे की जमीन पर खेती करने वाले/पट्टे पर/दूसरे की जमीन पर काम करने वाले 512 लोगों ने आत्महत्या की ।
ये है आत्महत्या का कारण
मंत्री द्वारा पेश आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष 42004 दिहाड़ी मजदूरों तथा 1518 सेवानिवृत व्यक्तियों ने आत्महत्या की । देश में महिलाओं की आत्महत्या में शादीशुदा महिलाओं का अनुपात सबसे अधिक है। इसके पीछे जल्द शादी होना, कम उम्र में मां बनना, निचला सामाजिक दर्जा, घरेलू हिंसा और वित्तीय निर्भरता जैसे कारण हैं।
क्या थे पिछले साल हालात
सामाजिक वैज्ञानिकों का कहना है कि- "महिलाएं स्वयं विवाह को लेकर काफ़ी उत्साहित होती हैं लेकिन जब विवाह की वास्तविकता सामने आती है तब तक वह पूरी तरह से टूट जाती है। उनके साथ गलत व्यवहार होने पर भी आमतौर पर उनका परिवार उनसे ‘चुप रहने’ को कहता है, जिससे उन्हें और निराशा और अकेलापन होता है। यह महिलाओं के आत्महत्या करने का एक बड़ा कारण है"। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक साल 2020 में कुल 153,052 आत्महत्याएं हुई थी जिसमें 14.6 प्रतिशत गृहणियां थीं। रिपोर्ट की माने तो इन आत्महत्याओं का सबसे बड़ा कारण पारिवारिक समस्या, अकेलापन और शादी से जुड़े मसले हैं।