अमेरिका की फाइजर (Pfizer) और जर्मनी की बायोएनटेक (BioNTech) द्वारा बनाई गई वैक्सीन का टीकाकरण शुरू किया जा चुका है। लेकिन वैक्सीन लगाने के बाद मरीजों में कई साइज-इफैक्ट देखने को मिल रहे हैं। हाल ही में कोरोना वैक्सीन लेने के बाद एक डॉक्टर की मौत हो गई, जिसके बाद से वैक्सीन को लेकर आशंका जताई जा रही है।
पहली खुराक लेने से हुई डॉक्टर की मौत
अमेरिका के साउथ फ्लॉरिडा में एक 56 वर्षीय हेइदी नेकेलमान का आरोप है कि उनके पति की मौत फाइजर की कोरोना वैक्सीन लेने से हुई है। डॉक्टर ग्रेगोरी मिशैल माइकल (Gregory Michael) को 18 दिसंबर को वैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी, जिसके16 दिन बाद डॉक्टर की मौत हो गई। हालांकि फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है।
दिख रहे थे अजीब लक्षण
हेदी नेकलमेन का कहना है कि माइकल में वैक्सीन लेने के कुछ दिन बाद ही अजीब लक्षण दिख रहे थे। उनके हाथ-पैरों में छोटे-छोटे धब्बे भी पड़ गए थे, जिसके बाद उन्हें ICU में भर्ती करवाया गया। बता दें कि कंपनी वैक्सीन के हुए साइड-इफैक्ट की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।
जीरो तक पहुंच गए प्लेटलेट्स
हेइदी ने बताया कि वैक्सीन के बाद उनके प्लेटलेट्स जीरो तक पहुंच गए थे। हालांकि खून की बाकी सारी रिपोर्ट समान्य आई इसलिए जब उन्होंने दोबारा खून की जांच करवाई तो भी सिर्फ एक प्लेटलेट दिखाई दिया। दो हफ्ते तक प्लेटलेट चढ़ाने के बाद भी उनकी हालत में कोई सुधार नहीं दिखा। प्लेटलेट्स की कमी की वजह से स्ट्रोक हुआ और उनकी मौत हो गई।
पहले भी दिख चुके हैं साइड-इफेक्ट
बता दें कि इससे पहले भी कोरोना वैक्सीन लेने के बाद 32 वर्षिय डॉक्टर कार्ला सेसेलिया पेरेज को लकवा मार गया था। इसपर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि डॉक्टर कार्ला को वैक्सीन देने के आधे घंटे में ही दिक्कतें शुरू हो गई थी। उन्हें शरीर में चकत्ते पड़ना, ऐंठन, कमजोरी और सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानी हो रही थी, जिसके बाद उन्हें ICU में भर्ती करवाया गया था।
वैक्सीन ट्रायल में भी दिखे थे साइड-इफैक्ट
. बता दें कि वैक्सीनेशन ट्रायल के दौरान भी वॉलिंटियर्स में एलर्जी की समस्या देखने को मिलती थी। इसलिए एलर्जिक रिएक्शन वाले लोगों को वैक्सीन नहीं दी जा रही।
. वहीं, वैक्सीन का शॉट लेने वाले 4 वॉलिंटियर्स में टेम्परेरी फेशियल पैरालिसिस जैसे लक्षण भी देखने को मिले।
. इसके अलाव दूसरे ट्रायल में हिस्सा ले रहे वॉलंटिअर्स ने बताया कि वैक्सीन के बाद वह 'हैंगओवर' जैसा महसूस कर रहे थे। उन्हें सिरदर्द, बुखार और मांसपेशिंयों में दर्द भी रहा जोकि फ्लू की वैक्सीन लेने के बाद भी होता है।
इसलिए हो रही लोगों को एलर्जी
फाइजर वैक्सीन से एलर्जी होने का कारण पॉलीइथाइलीन ग्लाइकॉल (पीईजी) कंपाउंड को माना जा रहा है, जिसका इस्तेमाल पहले कभी किसी वैक्सीन में नहीं किया गया। इसके मुख्य अंश मेसेंजर RNA (mRNA) में मौजूद होते हैं, जिसके कारण एलर्जी की शिकायत हो रही है।
गौरतलब है कि 20 से अधिक देश फाइजर की वैक्सीन से टीकाकरण शुरू कर चुके हैं। वहीं 5 से अधिक देशों में वैक्सीन के साइड-इफेक्ट सामने आए हैं।