श्राद्ध पक्ष या पितरपक्ष चल रहा है। इन दिनों में लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति व उन्हें खुश करने के लिए उनका श्राद्ध करते हैं। मान्यता है कि इन दिनों में बाह्माणों को भोजन खिलाने व दान करने से पितरों की असीम कृपा मिलती है। इसे पितरों की अलग- अलग तिथि व दिन के हिसाब से किया जाता है। मगर ऐसे बहुत से लोग होते हैं, जिन्हें अपने पितरों की तिथि के बारे में जानकारी नहीं होती है। ऐसे में वे अपने पितरों का श्राद्ध नहीं कर पाते हैं। मान्यता है कि पितरों की आत्मा की शांति के लिए उनका श्राद्ध करना बेहद जरूरी होता है। नहीं तो उनकी नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में अगर आपको भी अपने पितरों की श्राद्ध की तिथि नहीं पता है तो चलिए आज हम आपको कुछ खास उपायों के बारे में बताते हैं, जिसे करने से आप अपने पितरों की आत्मा को शांति पहुंचाने के साथ उनकी असीम कृपा पा सकते हैं।
तांबे के लोटे में जल भरकर पीपल को चढ़ाए
अगर आप अपने पितरों का श्राद्ध करना भूल गए हैं तो ऐसी स्थिति में सुबह उठकर नहाए। फिर तांबे के लोटे में पानी भरें। इसमें थोड़ा कच्चा दूध, जौ, तिल और चावल डालें। ध्यान रखें चावल टूटे हुए न हो। तैयार जल को दक्षिण दिशा की तरह अपना मुंह करके पीपल के वृक्ष को चढ़ा दें। ऐसा करने से पितर खुश होंगे।
पानी में काले तिल मिलाकर करें अर्पित
पितृपक्ष के दौरान रोज सुबह लोटे में पानी और थोड़े से काले तिल मिलाकर दक्षिण दिशा की ओर पितरों का ध्यान करते हुए उन्हें अर्पित करें। इस उपाय को सुबह 9 बजे से पहले ही करें।
पानी में कच्चा दूध डाल चढ़ाए
एक लोटे में थोड़ा सा कच्चा दूध और पानी भर कर उसे दक्षिण दिशा की ओर अपना मुंह कर पितरों का ध्यान करते हुए उन्हें अर्पित करें। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।
गाय को खिलाए हरा चारा
रोजाना सुबह गाय को हरा चारा खिलाने से भी पितरों की कृपा मिलती है। अगर आपके घर के आसपास कोई गाय नहीं है तो ऐसे में गौशाला जाकर गाय को चारा खिलाए। इससे पितरों को शांति मिलेगी।
पंडितों को खिलाए भोजन
श्राद्ध के दिनों में रोजाना पंडित को घर पर तैयार बिना लहसुन व प्याज का सात्विक भोजन खिलाने के साथ अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा देनी चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते हैं तो इसकी जगह पर खाने की सामग्री का सारा सूखा सामान लेकर मंदिर में चढ़ाए। साथ ही जरूरतमंदों को दान भी दें।
चावल के आटे से तैयार पिंड को नदी में बहाए
सर्वपितृ अमावस्या के दिन चावल के आटे से पिंड बनाए। फिर उसपर तिल और जौ लगाकर सफेद रंग के कपड़े और पलाश के पत्तों में रख दें। उसके बाद इसे नदी में प्रवाहित कर दें।
तिल का करें दान
इन दिनों में काले तिल का दान देना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसे में रोजाना 1 मुट्ठीभर तिल का दान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलने के साथ उसका कृपा मिलता है। किसी ब्राह्मण को तिल का दान देने से पितरों के तृप्त होने की ओर इशारा करता है।
जलस्त्रोत के पास जलाए दीया
आपके घर में जहां भी पीने का स्त्रोत है, उस जगह पर सुबह व शाम को देसी घी का दीया जलाए। इससे आपको पितरों की असीम कृपा मिलेगी।
गाय के गोबर से करें यह उपाय
अगर आपके घर पर अमंगल हो रहा है तो इसका मतलब आपके पितर आपसे नाराज है। ऐसे में गाय का गोबर लेकर उसे सूखा लें। फिर उसके कंडे को घी व धूप दिखाने से पितरों का गुस्सा शांत होता है। ऐसे में वे आपसे खुश होंगे आपके जीवन में भी खुशियों का आगमन होगा।