वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार, घर और उसके आसपास रखी हर एक वस्तु का असर व्यक्ति के जीवन पर शुभ या अशुभ जरूर पड़ता है। इसलिए वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार, घर की दिशा के साथ उस घर में रखी हर एक चीज के लिए नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना बेहद जरूरी है। वास्तु के अनुसार माना जाता है कि घर में मौजूद हर एक चीज सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा छोड़ती है। इसलिए घर के मुख्य द्वार, मंदिर, बेडरूम के वास्तु नियमों का जरूर पालन करना चाहिए। इसके अलावा घर में मौजूद बाथरूम के लिए विशेष वास्तु नियमों का जरूर पालन करना चाहिए। क्योंकि इस दिशा से सबसे अधिक नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।
पौधा
बाथरुम में पौधों को भूलकर भी नहीं लगाना चाहिए। पौधों का संबंध शुद्धता और सात्विक्ता से माना गया है। ऐसे में इन्हें बाथरुम में लगाने से बचना चाहिए, साथ ही बाथरुम में साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखें।
तस्वीर
बाथरुम में कोई भी तस्वीर या फिर फोटो नहीं लगाई जानी चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। घर में आर्थिक दिक्कत उत्पन्न होने लगती है। घर में रखा पैसा पानी की तरह बहने लगता है। ऐसे में बाथरुम में साज-सज्जा के लिए कोई फोटो नहीं लगाएं।
चप्पल
कई लोग बाथरुम के लिए अलग चप्पल का इस्तेमाल करते हैं, जिससे कि घर में गंदगी ना हो और पानी ना फैले। हालांकि बाथरुम के लिए अलग से चप्पल रखते समय ये ध्यान रखें कि इन्हें दरवाजें के बाहर ही रखें और चप्पल सही-सलामत हो, ये टूटी हुई नहीं होनी चाहिए।
गीले कपड़े
अक्सर ऐसा देखने में मिलता है कि लोग बाथरुम में कपड़े धोकर वहीं नल के ऊपर रख देते हैं। ऐसा करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है। बाथरुम में गीले कपड़े रखने से वास्तुदोष लगता है। ऐसे में बाथरुम में न कपड़े भीगोकर ज्यादा समय के लिए रखें और ना ही कोई गीला कपड़ा रखें।
बाल
नहाते समय बालों का टूटना लाजमी है। हालांकि नहाने के बाद टूटे हुए बालों को बाथरुम में नहीं छोड़ना चाहिए। इससे वास्तुदोष होता है और घर में नकारात्मकता ऊर्जो का संचार होता है।
शीशा
कई लोग बाथरुम में शीशा लगाकर रखते हैं। इससे जहां बाथरुम काफी अच्छा दिखता है। वहीं लोगों को मुंह धोने, ब्रश करने और सेव करते समय सहुलियत होती है। हालांकि वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार बाथरुम में शीशा लगाने से घर में नकारात्मकता आती है।