भारत त्योहारों का देश है। यहां पर हर त्योहार बेहद ही धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसे में रंगों का त्योहार होली पर तो यहां पर अलग ही रौनक होती है। कहा जाता है कि इस दिन दुश्मन भी दोस्त बन जाते हैं। मगर भारत के अलग-अलग शहर में होली कुछ खास अंदाज से मनाई जाती है। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...
ब्रज के बरसाने में लठ मार होली
ब्रज के बरसाने गांव पर लठ मार होली खेली जाती है। कहते हैं कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण अपने सखाओं के साथ राधा रानी के गांव में जाते थे। साथ ही उन्हें व उनकी सखियों को तंग करते थे। ऐसे में राधा रानी अपनी सहेलियों से मिलकर उन्हें लठ से मारती थी। ऐसे में यहां के लोग आज भी इस प्रथा को निभाते हैं। इसमें नंद गांव के पुरुष व बरसाने की महिलाएं होली के आयोजन में भाग लेकर इसे मनाती है। ऐसे में पुरुष अपनी पिचकारी से महिलाओं पर रंग डालते हैं। वहीं महिलाएं उन्हें लठ से मारती है। साथ ही पुरुष उनकी मार से बचने की कोशिश करते हैं।
वृंदावन में फूलों की होली
वृंदावन में इस त्योहार को एक-दूसरे पर फूल डालने से मनाते हैं। यहां पर एकादशी के दूसे दिन ही भगवान कृष्ण व राधा रानी के सभी मंदिरों में होली का आयोजन होता है। मगर बांके बिहारी मंदिर की रौनक अलग ही देखने को मिलती है। साथ ही यह त्योहार 1 सप्ताह यानी पूरे 7 दिनों तक मनाया जाता है।
पंजाब में होला-मोहल्ला
पंजाब में श्री आनंदपुर साहिब में होला-मोहल्ला मनाया जाता है। इसे होली के अगले दिन मनाने की प्रथा है। माना जाता है कि इसकी शुरुआत सिख धर्म के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी ने की थी। इसमें निहंगो के अखाड़े तलवारबाजी करके अपने साहस व उल्लास को दर्शाते हैं। साथ ही पंच प्यारे जुलुस का नेतृत्व करते हैं। साथ ही लोग रंगों को एक-दूसरे पर डालकर बधाई देते हैं।
बिहार में किचड़ व कुर्ता फाड़ होली
बिहार में होली पर फगुआ गाए जाते हैं। साथ ही कई जगह पर रंगों की नहीं बल्कि किचड़ से होली खेली जाती है। इसके अलावा कई इलाकों में लोग अपेन फाड़ कर होली मनाते हैं। साथ ही ढोल व गानों के साथ कुल 3 दिनों तक लोग होली खेलने का आनंद मनाते हैं।
हरियाणा की लट्ठमार होली
बात अगर हरियाणा की करें तो यहां पर बरसाने की तरह लट्ठमार होली खेली जाती है। मगर यहां पर यह त्योहार देवर व भाभी द्वारा मनाया जाता है। यहां होली को 'दुल्हंदी' या 'धुलेंडी' कहते हैं। इस दौरान भाभियां अपने देवर से उनकी शरारतों का बदला लेने के लिए उन्हें लाठी से मारती है। वहीं देवर अपनी भाभी को मनाने के लिए उनके लिए उपहार लाता है।