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क्या मौत ने नोबेल पुरस्कार के लिए स्टीफन हॉकिंग को धोखा दिया?

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 07 Oct, 2021 01:40 PM
क्या मौत ने नोबेल पुरस्कार के लिए स्टीफन हॉकिंग को धोखा दिया?

मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हाकिंग ने  दुनिया को अपने कई शोधों से बार बार चौंकाया है। दुनिया के मशहूर वैज्ञानिक स्टीफ़न हॉकिंग 14 मार्च, 2018 को दुनिया को अलविदा कह दिया लेकिन क्या मौत ने नोबेल पुरस्कार के लिए स्टीफन को धोखा दे दिया था? यह सवाल इसलिए है क्याेंकि मौत के दौरान वो डेटा पहले से ही उनके  हाथ में था जो एक अशुभ और दूरगामी भविष्यवाणी की पुष्टि कर सकता था जो उन्होंने चार दशक से अधिक पहले की थी। 

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 हॉकिंग ही थे जो भौतिक विज्ञान के कई अलग-अलग लेकिन समान रूप से मूलभूत क्षेत्र जैसे गुरुत्वाकर्षण, ब्रह्मांड विज्ञान, क्वांटम थ्योरी, सूचना सिद्धांत और थर्मोडायनमिक्स को एक साथ ले आए थे। हॉकिंग ने माना था कि ब्लैक होल, गुरुत्वाकर्षण विनाश के वे मुंह, केवल बड़े हो सकते हैं, कभी भी छोटे नहीं हो सकते हैं – जैसे ही वे जानकारी को निगलते हैं और ब्रह्मांड के इतिहास का पता लगाने की हमारी क्षमता को खतरे में डालते हैं।डॉ हॉकिंग, यकीनन सबसे प्रसिद्ध और सम्मानित शोधकर्ताओं में से एक थे, लेकिन उन्होंने कभी नोबेल नहीं जीता और अब कभी नहीं जीता।

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 हॉकिंग को उनकी बिग बैंग थ्योरी और ब्लैकहोल थ्योरी के लिए जाना जाता है।  स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल को लेकर कई शोध किए. उनके पहले सिद्धांत के अनुसार, ब्लैक होल का कुल सतह क्षेत्र कभी भी छोटा नहीं होगा। एक अन्य सिद्धांत के अनुसार ब्लैक होल गर्म होता है। इस सिद्धांत को सबसे पहले 1971 में बताया गया था। यह कहता है कि समय के साथ किसी भी ब्लैकहोल के आकार को कम करना असंभव है। यह सिद्धांत अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत से निकला है जो गुरुत्वाकर्षण तरंगों और ब्लैकहोल को परिभाषित करता है। 

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इस थ्योरी के पांच साल बाद ही  हॉकिंग कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में गणित के प्रोफेसर बन गए। यह वही पद था जिस पर कभी महान वैज्ञानिक ऐलबर्ट आइनस्टाइन नियुक्त थे।विज्ञान की जगत में उनके द्वारा किए गए उत्कृष्ट काम के लिए अमेरिका सर्वोच्च सम्मान दिया गया है। इसके अलावा उनके पास 15  डिग्रियां भी थी।  1980 में अमेरिकी भौतिकशास्त्री जेम्स हार्टल के साथ मिलकर हॉकिंग ने ब्रह्मांड की शुरूआत को लेकर एक नया विचार दिया था।

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डॉ हॉकिंग के लंबे समय से सहयोगी रहे हार्वर्ड के एंड्रयू स्ट्रोमिंगर ने कहा कि मुझे नोबेल समिति के विचार-विमर्श के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन हॉकिंग को इस पुरस्कार में पहले से ही शामिल किया जा सकता था यदि वह अभी भी जीवित हाेते।  हॉकिंग ही थे जो भौतिक विज्ञान के उन दो क्षेत्रों को एक साथ ले आए जिन्हें अभी तक कोई भी वैज्ञानिक एक साथ नहीं ला पाए। ये हैं क्वांटम थ्योरी और जनरल रिलेटीविटी। 

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हॉकिंग ने अपनी थ्यौरी ऑफ़ एवरीथिंग से सुझाया था कि ब्रह्मांड का निर्माण स्पष्ट रूप से परिभाषित सिद्धांतों के आधार पर हुआ है। उन्होंने कहा था, "ये सिद्धांत हमें इस सवाल का जवाब देने के लिए काफ़ी हैं कि ब्रह्मांड का निर्माण कैसे हुआ, ये कहां जा रहा है और क्या इसका अंत होगा और अगर होगा तो कैसे होगा? अगर हमें इन सवालों का जवाब मिल गया तो हम ईश्वर के दिमाग़ को समझ पाएंगे। 
 

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