22 DECSUNDAY2024 10:12:06 PM
Nari

बेहद प्रसन्न मुद्रा में रहता हैं सप्तमी में मातारानी का रूप, ये है Devi Kalaratri की पूजा विधि

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 20 Oct, 2023 05:46 PM
बेहद प्रसन्न मुद्रा में रहता हैं सप्तमी में मातारानी का रूप, ये है Devi Kalaratri की पूजा विधि

नवरात्रि के पावन दिन चल रहे हैं। आज सांतवें दिन यानी महासप्तमी को मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। कहते हैं मां कालरात्रि का स्वरूप बिल्कुल उनके नाम की तरह ही घने अंधकार सा काला है। कालरात्रि मां के तीन नेत्र हैं, जोकि ब्रह्मांड की तरह गोल हैं। मां के इस रूप की सवारी गधा है।  मान्यका है कि इस रूप में मां ने शुंभ और निशुंभ राक्षसों का वध किया था। कहते हैं इस रूप में मां की पूजा अर्चना करने से मां कालरात्रि अपने भक्तों को काल से बचाती है यानी कि कालरात्रि की पूजा करने से जातकों को अकाल मृत्यु का डर नहीं रहता है। आइए जानते हैं मां कालरात्रि की पूजा विधि, प्रिय भोग और मंत्र के बारे में....

PunjabKesari


ऐसे करें मां कालरात्रि की पूजा

महासप्तमी के दिन सुबह और रात दोनों समय मां कालरात्रि की पूजा करना शुभ माना जाता है। इस रूप में मां की पूजा करने के लिए सुबह स्नान करके लाल कंबल के आसन में बैंठे। मां कालरात्रि की तस्वीर स्थापित करें, वहां गंगाजल का छिड़काव करें, इसके बाद दीपक जलाकर पूरे परिवार के साथ मां के जयकारे लगाएं, दुर्गा चालीसा का पाठ करें, हवन करें और मां कालरात्रि को गुड़ से बनाएं मालपुए का भोग जरूर लगाएं। आप चाहें तो रुद्राक्ष की माला से मां के मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।

PunjabKesari

पूजा के दौरान करें इन मंत्रों का जाप

मां को प्रसन्न करने के लिए पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करें- 'ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ऊँ कालरात्रि दैव्ये नम:। 

Related News