एक महिला की शादी के बाद जिंदगी काफी बदल जाती है। घर पर समय से आना और बच्चों को संभालने के बीच में कहीं न कहीं उसकी खुद की जिंदगी पीछे रह जाती है। हर बार उसे अपने सपने पूरे करने के लिए यह सोचना पड़ता है कि वह ऐसा करे या न करे। या फिर लोग क्या सोचेंगे, पति इजाजत देगें या फिर नहीं और इसी बीच उसके सपने चूर चूर होते जाते हैं। लेकिन जो हार जाए वो व्यक्ति ही क्या? अगर आपको जिंदगी सरल तरीके से कुछ चीज नहीं दे रही है तो आप भी इतने मजबूत बन जाएं कि जिंदगी और उन हालातों से लड़ें। आज हम आपको जिस महिला की कहानी सुनाने जा रहे हैं वह भी लड़ी और आज वह अपने साथ-साथ करीब 90 महिलाओं की जिंदगी को सवार रही है।
दीक्षा कश्यप जिसका सपना है हर महिला को आत्मनिर्भर बनाना
हम जिस जाबांज महिला की बात कर रहे हैं वह लखनऊ के गांव घीला की रहने वाली है। दीक्षा की एक ही इच्छा है कि एक दिन सभी महिलाएं आत्मनिर्भर बनें। खबरों की मानें तो दीक्षा 'रानी लक्ष्मी बाई' के नाम से एक ग्रुप चलाती है। यह समूह महिलाओं को काम देता है और उन्हें आत्मनिर्भरता की राह पर लेकर जाता है।
ऐसे की शुरूआत
किसी चीज को शुरू करने के सपने देखना तो काफी आसान है लेकिन इसपर काम करना मुश्किल होता है। दीक्षा ने इस काम की शुरूआत अपने परिवार और भाभी के साथ मिल कर की। वह मसालों की पैकिंग किया करती। इस दौरान दीक्षा को काफी समस्याएं भी आईं लेकिन वह लड़ी और धीरे धीरे उनकी मेहनत को सफलता को रंग चढ़ने लगा। इसी प्रकार उन्हें आस-पास के लोगों से ऑर्डर मिलने लगे। इस काम को दीक्षा ने 40 हजार की पूंजी के साथ शुरू किया था।
खुद का काम शुरू करने पर मन में आए कईं सवाल
एक महिला की जिंदगी शादी के बाद काफी बदल जाती है और इस बात में कोई शक नहीं है। उसे तब हजारों चीजें देखनी पड़ती है। दीक्षा के मन में भी अपना काम शुरू करने पर कईं तरह के सवाल आए। घर से बाहर निकलना उनके लिए पहली पहली बार आसान नहीं था। मन में हजार सवाल और दिल में दबा वो डर लेकिन फिर भी दीक्षा अपने इन सवालों के साथ लड़ी और खुद का काम शुरू किया।
90 महिलाओं को दे रही काम
घर से कदम बाहर निकालते ही वह एक समूह के संपर्क में आई। इस ग्रुप के साथ उन्होंने काम किया और खुद को और निखारा। इसी ग्रुप के माध्यम से दीक्षा ने खुद को व्यवसाय चलाने के लिए तैयार किया। आज दीक्षा खुद तो आत्मनिर्भर है ही साथ ही वह और 90 महिलाओं को भी रोजगार प्रदान कर रही है। इस सफर में दीक्षा के परिवार और पति ने भी पूरा साथ दिया। आज दीक्षा व्हाट्सएप समूहों और अन्य माध्यमों से ऑनलाइन खुद के प्रोडक्ट बेचती हैं।
दीक्षा 2 बच्चों की मां है और वह आज सभी के लिए मिसाल से कम नहीं है क्योंकि अकसर महिलाएं शादी और बच्चों के बाद खुद के सपनों को पीछे छोड़ देती हैं और परिवार को ज्यादा महत्ता देती हैं।