रसोई किसी भी घर की महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जाती है. यही वो स्थान होता है, जहां एक गृहणी सबसे अधिक समय बिताती है, यहीं पर पूरे परिवार के सदस्यों के लिए खाना बनता है। ऐसे में सही दिशा, साफ-सफाई, और उचित सजावट का ध्यान रखते हुए रसोई को सजाना चाहिए।रसोई घर के वास्तु उपायों का पालन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि बनी रहती है। यहां कुछ मुख्य वास्तु उपाय दिए गए हैं जिनकी जानकारी हर किसी को नहीं होती
रसोई का स्थान और दिशा
रसोई घर को आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) में बनाना सबसे अच्छा माना जाता है।अगर यह संभव न हो तो उत्तर-पश्चिम दिशा (वायव्य कोण) भी सही होती है। रसोई के दरवाजे को उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
बर्तनों और उपकरणों का स्थान
चूल्हा या गैस को रसोई के आग्नेय कोण में रखें और इस प्रकार रखें कि रसोई बनाते समय आपका मुख पूर्व की ओर हो। पानी की व्यवस्था और सिंक को रसोई के उत्तर-पूर्व में रखें। बर्तन और कटलरी को दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखने का प्रयास करें। भारी बर्तनों को हमेशा दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें।
सजावट और रंग
रसोई के लिए हल्के रंग जैसे कि सफेद, क्रीम, पीला और हल्का हरा उपयोगी होते हैं। गहरे रंगों से बचें क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकते हैं। रसोई में पौधे रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। ताजे फूलों का गुलदस्ता या तुलसी का पौधा रखें।
रसोई से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण उपाय
रसोई हमेशा साफ-सुथरी और व्यवस्थित रखें। गंदगी और अव्यवस्था से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। रसोई में अच्छी वेंटिलेशन होनी चाहिए। खिड़कियां उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में होनी चाहिए। अनाज और दालों का भंडारण हमेशा दक्षिण-पश्चिम दिशा में करें। इससे समृद्धि बनी रहती है।
वास्तु नियमों का पालन
रसोई में ईंधन (अग्नि तत्व) और पानी (जल तत्व) को एक-दूसरे से दूर रखें। इनका एक साथ होना टकराव का कारण बन सकता है।रसोई में आईना लगाने से बचें क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है। वास्तु शास्त्र के इन नियमों का पालन करके रसोई में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाई जा सकती है।