मानसून के इस मौसम में बढ़ रहे कीटाणु व बैक्टीरिया के कारण बीमारियों बहुत ही जल्दी शरीर के संपर्क में आ जाती है। ऐसे में गले की खराश, जुकाम जैसी समस्याओं से बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी परेशान रहते है। गले की खराश इस मौसम में हर किसी को हो जाती है। यह ज्यादा ठंडा पानी पीने, गलत रहन सहन, मौसम में हो रहे बदलाव के कारण हो सकती है। ऐसे में हमारी रसोई में पाई जाने वाली चीजों से ही हम इसका इलाज कर सकते हैं। आइए जानते है कि गले की खराश को दूर करने के घरेलू नुस्खे क्या हैं।
नकम का पानी
नमक में पाए जाने वाले एंटी इफ्लेमेटरी गुण गले की खराश को दूर करने में काफी मदद करते है। यह मुंह व गले के बैक्टीरिया व वायरस को दूर करने के साथ गले की सूजन व खुरदुरेपन को खत्म करते है। इसके लिए गुनगुने पानी में नमक मिलकर रोज 3 से 4 बार गरारे करने चाहिए।
भाप
सर्दी, जुकाम व गले की खराश को खत्म करने के लिए भाप बहुत ही असरदार तरीका है। इससे न केवल गले की खराश बल्कि नाक, गले की समस्या भी ठीक होगी। यह गंदे बैक्टीरिया को मार कर गंदगी को बाहर निकालने का काम भी करती हैं। इससे गले की भी काफी आराम मिलता है।
सेब का सिरका
गले की खराश को खत्म करने में सेब का सिरका भी काफी फायदेमंद होता है। सेब के सीरके में एंटीमाईक्रोबियल, एंटीबैक्टीरियल, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीफंगल गुण पाए जाते है। यह गले व मुंह के बैक्टीरिया को दूर करने का काम करते है। इसे गर्म पानी में नमक के साथ मिक्स करके गरारे करे या पानी में डाल कर इसकी भाप लें।
लहसुन
लहसुन बहुत ही गुणकारी खाद्य पदार्थ है, यह न केवल गले के लिए बल्कि हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होते है। लहसुन की एक कली को दो भागों में बांट कर अपने मुंह में रख लें। इसके बाद धीरे धीरे इसे चूसें। जल्द ही गले की खराश से आराम मिल जाएगा।
मेथी के बीज
इसमें पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर के संक्रमण को दूर करने में मदद करते है। इसके लिए एक चम्मच मेथी के बीज को दो गिलास पानी में उबाल कर ठंडा होने दे। फिर इसे छान कर गरारे करें। दिन में 4 से 5 बार यह प्रक्रिया करें।
अदरक व लौंग
अदरक की चाय गले की खराश को दूर करने में काफी असरदार होती है। अदरक के टुकड़े को गर्म पानी में चाय व चीनी के साथ डाल कर उबाल लें। उसके बाद कुछ देर इन्हें उबालने के बाद उसे धीरे धीरे पी लें। इसी तरह आप लौंग की चाय बना कर पी सकते हैं।
अनानास
अनानास के जूस में पाए जाने वाले ब्रोमेलेन नाम का एंजाइम पाया जाता है, जिसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण शामिल होता है। यह गले के संक्रमण को दूर करने में काफी मदद करता हैं। इसमें पाए जाने वाला विटामिन सी आपके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता हैं।
मुलेठी
मुलेठी के काढ़े में पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल गुण जुकाम, खांसी, गले में दर्द, सूजन को ठीक करने में मदद करती हैं। मुलेठी के साथ पीसी हुई एक इलायची, 5 से 6 तुलसी की पत्तिया, 1 लौंग पीसा हुआ, 2 काली मिर्च पीसी हुई, तीन कप पानी को उबाल लें। इस पानी को रोज सुबह पिएं।
काली मिर्च
काली मिर्च गले की खराश को खत्म करने में काफी मददगार होती है। इसका काढ़ा बनाने के लिए दो पिसी हुई काली मिर्च, एक चौथाई कटे हुए अदरक, एक चम्मच शहद, एक चम्मच नींबू का रस मिल करके गर्म गर्म पिएं। इसके साथ ही आप इसे चाय में डाल कर भी पी सकते है।
पालक के पत्ते
पालक के पत्तों को पीसकर इसकी पट्टी बना कर गले में बांध लें। 15 से 20 मिनट बाद इसे खोल लें। इसके साथ ही धनिया को पीसकर इसका पाउडर बना लें, इसमें गुलाब जल मिलकर गले पर लगाएं।