जहां एक तरफ कोरोना का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा वहीं इसके नए -नए स्ट्रेन व वैरिएंट वैज्ञानिकों की चिंता का कारण बने हुए हैं। हाल ही में ब्राजील में कोरोना के 2 नए वैरिएंट मिले थे जो ब्रिटेन तक पहुंच गए हैं। खबरों के मुताबिक, ब्रिटेन में करीब 6 लोग इस नए वैरिएट से संक्रमित है, जिसमें से 3 इंग्लैंड और 3 स्कॉटलैंड में मिले हैं। फिलहाल सरकार कोरोना के नए स्ट्रेन के संपर्क में आने वाली व्यक्ति को खोज रही है।
कितना खतरना है नया स्ट्रेन?
इन 2 नए स्ट्रेन को P1 और P2 नाम दिया गया है, जिसमें से P1 सबसे पहले जापान से मिला था। जनवरी के बाद इस स्ट्रेन के मामले तेजी से बढ़ने लगे थे। कुछ लोग तो P1 संक्रमण से ठीक होने के बाद भी दोबारा संक्रमित होने लगे थे इसलिए वैज्ञानिक इसे चिंता का कारण मान रहे हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह वैरिएंट B118 जितना ही संक्रामक है।
वैक्सीन भी हो सकती है इनपर बेअसर
अध्ययन के मुताबिक, P1 वैरिएंट में 17 तरह के अमीनो एसिड बदलाव हुए हैं जो 3 जेनेटिक मटेरियल को खत्म कर देते हैं और इसमें 4 म्यूटेशन भी हुए हैं। फिलहाल वैज्ञनितों के लिए P1 के 3 वैरिएंट K417T, E484K और N501Y सबसे अधिक परेशानी की बात है। यही नहीं, अगर यह संक्रमण फैला तो इसपर वैक्सीन भी काम नहीं कर पाएगी क्योंकि यह एंटीबॉडी से बचने में भी सक्षम है। P1 का E484K वैरिएंट सबसे ज्यादा खतरनाक है क्योंकि केंट वैरिएंट ने भी खुद को इसी स्ट्रेन में बदल लिया है और ये वैक्सीन से भी बचाव कर सकता है।
क्या दोबारा संक्रमण का बन सकता है कारण
वहीं, भारत में कोरोना का N440K नया वैरिएंट मिला है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, N440K वैरिएंट ठीक होने के बाद भी लोगों को संक्रमित कर सकता है। दरअसल, यह इम्यून सिस्टम से बचकर कोरोना से उभर चुके मरीजों को दोबारा बीमार करने में सक्ष्म है। अब तक ऐसे 2 मामले सामने भी आ चुके हैं इसलिए इसे सबसे खतरनाक स्ट्रेन माना जा रहा है।
33% तेजी से फैल रहा नया स्ट्रेन
अध्ययन के मुताबिक, आंध्र प्रदेश में कोरोना का N440K वैरिएंट 33% तेजी से फैल रहा है। वहीं, दुनियाभर में करीब 180 लोग इश नए स्ट्रेन से संक्रमित हो चुके हैं। हालांकि फिलहाल इस बात की पुख्ता जानकारी नहीं है कि कोरोना नए स्ट्रेन तेजी से क्यों फैल रहा है।