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कोरोना का स्मोकिंग से है खास संबंध, जानिए क्या कहता है शोध?

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 16 Apr, 2020 02:34 PM
कोरोना का स्मोकिंग से है खास संबंध, जानिए क्या कहता है शोध?

कोरोना के कहर से पूरी दुनिया को अपना शिकार बना लिया है। आए दिन हर जगह कोरोना के केस बढ़ने की ही खबरें आ रही है। ऐसे में इस महामारी से निपटने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। ऐसे में रिसर्च के मुताबिक यह वायरस बड़ी उम्र के पुरुष व महिलाओं, गर्भवती महिलाओं, पहले से किसी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति और धूम्रपान करने वालों को जल्दी से अपना शिकार बना रहा है। ऐसे में बात अगर स्मोकर की करें तो इन्हें कोरोना की चपेट में आने का सबसे अधिक खतरा माना गया है।

धूम्रपान से ऐसी होती हैं कोरोना की मदद

एक शोध के अनुसार, धूम्रपान करने से शरीर में एंजाइम की मात्रा बढ़ती है। ऐसे में यह कोरोनावायरस को तेजी से फेफड़ों की कोशिकाओं में ले जाने का काम करता है। इसतरह स्मोकिंग करने से कोरोना की चपेट में आने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। यह एस 2 (ACE- 2) नामक एक एंजाइम धूम्रपान करने वालों के साथ क्रोनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पलमानरी बीमारी (COPD) से पीड़ित लोगों में पाया जाता हैं। यहीं एंजाइम के कारण कोरोनावायरस फेफड़ों में आसानी से जाता है। इसके साथ वायरस के लिए दूसरी बार अटैक करना आसान होता है।

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चीन के डेटा पर हुआ शोध

चीन के डाटा पर हुए शोध के अनुसार, महिलाओं के मुकाबले पुरुष जल्दी से कोरोना के शिकार हुए। इसके साथ ही मृत्यु दर में ज्यादातर पुरुष स्मोकर पाएं गए। एक रिसर्च के मुताबिक क्रोनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पलमानरी बीमारी (COPD) से पीड़ित 21 मरीज़ों के सैंपल लिए गए। इसके साथ 21 उन लोगों के सैंपल लिए गए जो COPD के शिकार नहीं थे। मगर ये लोग धूम्रपान करने वाले थे। ऐसे में दोनों टाइप के लोगों की बॉडी में एस- 2 भारी मात्रा में पाया गया।

स्मोकर्स के लिए बढ़ा कोरोना वायरस का जोखिम

धूम्रपान करने से फेफड़ों खराब होते हैं। इस बात को तो सभी परिचित हैं। मगर शोधकर्ताओं के अनुसार यह जानलेवा कोरोनावायरस भी फेफड़ों को जल्दी से अपनी चपेट में लेता है। ऐसे में जिन लोगों को धूम्रपान करने की आदत है उनके लिए खतरा ज्यादा है। एक रिसर्च के मुताबिक स्मोक करने से बॉडी में एंजाइम की मात्रा बढ़ती है। यहीं एंजाइम फेफड़ों को कोरोनावायरस का शिकार बनाने में मदद करता है।

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