महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार के वक्त शाही परिवार का ‘ड्रेस कोड’ भी पहले से निर्धारित परंपरा के अनुसार था। महाराजा चार्ल्स मेडल के साथ औपचारिक वर्दी में दिखाई दिए और उनके हाथों में लाल मखमल और सोने के फील्ड मार्शल बैटन था, जिसे महारानी ने 2012 में उन्हें प्रदान किया था जब चार्ल्स को यह पदवी मिली थी।
‘बकिंघम पैलेस’ के अनुसार शाही परिवार के सेवारत सदस्यों के रूप में महारानी के तीन बच्चे महाराजा चार्ल्स, प्रिंस एडवर्ड और प्रिंसेस ऐनी सभी सैन्य वर्दी पहनेंगे और पदक धारण करेंगे। महारानी के पोते प्रिंस विलियम भी सैन्य वर्दी में नजर आए। परंपरा के अनुसार महिलाएं काले कपड़े पहनकर और टोपी लगाकर आएंगी जबकि पुरुष काले कोट पहनेंगे।
वेल्स की नई राजकुमारी केट मिडलटन काले कोट और काली टोपी में नजर आई। इस दौरान उन्होंने अपनी सास दिवंगत राजकुमारी डायना का मोती के हार और झुमके पहने। डचेस ऑफ ससेक्स, मेघन मार्कल भी ऑल ओवर ब्लैक आउटफिट में नजर आई।
शाही परिवार के सेवारत सदस्य पारंपरिक रूप से सैन्य वर्दी पहनते हैं, जबकि गैर-सेवारत पुरुष कोट पहनते हैं, जैसा कि पिछले साल महारानी के पति प्रिंस फिलिप के अंतिम संस्कार में देखा गया था।
‘मेट्रो’ अखबार के मुताबिक इस अंतिम संस्कार से पहले शाही ‘ड्रेस कोड’ के फैसले को लेकर कुछ विवाद भी हुए हैं। ‘बकिंघम पैलेस’ ने शुरू में घोषणा की कि प्रिंस हैरी को अपनी सैन्य वर्दी पहनने की अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि उन्होंने अपने कर्तव्यों से हटने का फैसला किया था। अखबार के मुताबिक जब प्रिंस हैरी ने यह फैसला किया था तो उनसे सभी सैन्य उपाधियां ले ली गई थी।
एक बार जब शाही परिवार का कोई सदस्य सक्रिय सैन्य सेवा में नहीं होता है, तो उन्हें ‘नागरिक’ माना जाता है, और इसलिए उन्हें सैन्य पोशाक पहनने की अनुमति नहीं होती है। हालांकि, उन्हें अपने काले सूट पर अपने पदक लगाने की अनुमति है, जैसा कि प्रिंस हैरी ने महारानी के ताबूत को ले जाते वक्त शोक यात्रा के दौरान किया था।
इस पर लोगों की तरफ से जबरदस्त प्रतिक्रिया आई क्योंकि यह घोषणा की गई थी कि शाही परिवार के गैर-सेवारत सदस्य प्रिंस एंड्रयू के लिए एक अपवाद बनाया जाएगा, जिन्हें हैरी के विपरीत पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था, और उन्हें अपनी सैन्य वर्दी पहनने की अनुमति दी जाएगी। खबर के मुताबिक अपने पिता महाराजा चार्ल्स के अनुरोध पर, हैरी महारानी के पोते-पोतियों द्वारा शोक व्यक्त करने के दौरान अपनी वर्दी पहनी।