हर साल सावन के महीने पर मनाया जाने वाला हरियाली तीज का त्योहर महिलाओं के लिए खास माना जाता हैं। इस त्योहर को बड़े ही धूम-धाम के साथ भारत में सेलिब्रेट किया जाता हैं। तीज को सुहागन महिलाओं का स्पैशल फैस्टिवल होता है, जिसमें महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत और मां पार्वती की पूजा करती हैं। वहीं कुंवारी लड़कियां अच्छा जीवनसाथी पाने के लिए इस व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ रखती हैं। इस दिन महिलाएं नए कपड़े और गहने और श्रृंगार भी करती है जो उनके रूप रंग को और भी निखार देता हैं। आइए जानते है उन 6 चीजों के बारे में जिनके बिना महिलाओं का तीज के मौके पर श्रृंगार कंप्लीट नहीं होता।
1. मेहंदी
मेहंदी तो हमेशा से भारतीय परंपरा में हर फंक्शन का हिस्सा रही हैं, जिससे लड़कियां हमेशा से अपने हाथों की खूबसूरत बढ़ाती रही हैं। वहीं हरियाली तीज के पावन अवसर में मेहंदी लगाना काफी शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि मेहंदी लगाने से पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत होता है। तो क्यों न आप भी तीज के खास मौके पर ट्रैंड के हिसाब से मेहंदी लगाएं। अपना रिश्ता मजबूत बनाने के साथ-साथ हाथों की पर्सनैलिटी भी बढ़ाए।
2. चूड़ियां
बिना चूड़ियों के भारतीय महिलाओं की कलहाईया भी सुनी मानी जाती हैं। हरियाली तीज के इस पावन अवसर पर महिलाएं हरे और लाल रंग की चूड़ियां ही पहनती है। ऐसा इसलिए क्योंकि हरे और लाल रंग की चूड़ियां सुहाग की निशानी होती है। अगर आप सिंपल हरे या लाल रंग की चूड़ियां नहीं पहनना चाहती तो आपको मार्कीट में इन दो कलर्स की चूड़ियों में काफी डिजाइन्स मिल जाएंगे।
3. परांदा
परांदे के बिना तीज का श्रृंगार अधूरा माना जाता है। परांदा न केवल हरियाली तेज पर खास होता है बल्कि इसको पहनकर महिलाएं बिल्कुल ट्रैडीशनल नजर आती हैं जो उनकी पर्सनैलिटी को और भी बढ़ा देता हैं। इस दिन सभी महिलाएं पंजाबी सूट और फूलकारी के साथ बालों में परांदा जरूर पहनती हैं।
4. पायल
माना जाता है कि हरियाली तीज यानी महिलाओं के इस पावन त्योहार पर सुहागिनों का पैर खाली नहीं होना चाहिए, उन्हें पैरों में पायल जरूर पहननी चाहिए। पायल न केवल हमारे ट्रैडीशनल का हिस्सा बल्कि सुहाग की निशानी भी हैं।
5. बिंदी
भारतीय संस्कृति में बिंदी का अहम रोल है, जो स्त्री के सौलह श्रृंगार में शामिल होती हैं। बिंदी भगवान शिव के तीसरे नेत्र का प्रतीक मानी जाती है, जिसे परिवार की समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। बिंदी के बिना तो भारतीय स्त्री का श्रृंगार अधूरा होता हैं।
6. गहनें
गहनें यानी ज्वैलरी, भारतीय महिलाओं को अलग पहचान देते हैं। तीज के मौके पर महिलाएं गले में हार, कानों में झूमके और माथे पर मांग-टीका पहनना बिल्कुल नहीं भूलती।