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चंद्र ग्रहण में कैसे होता हैं पितरों का श्राद्ध?

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 18 Sep, 2024 05:39 PM
चंद्र ग्रहण में कैसे होता हैं पितरों का श्राद्ध?

नारी डेस्क: चंद्र ग्रहण के समय पितरों का श्राद्ध करना विशेष धार्मिक महत्व रखता है। 18 सितंबर को होने वाले चंद्र ग्रहण के बाद ही पिंडदान करना चाहिए, क्योंकि मोक्षकाल समाप्त होने पर ही श्राद्धकर्म आरंभ करना उचित होता है। ग्रहण के दौरान क्रोध से बचना, भोजन न करना और नए कार्यों से दूर रहना चाहिए। इस समय भगवान के मंत्रों का जाप करना और शुद्ध जल से स्नान करना शुभ माना जाता है। ग्रहण के बाद गायों को घास, पक्षियों को अनाज और जरूरतमंदों को वस्त्र दान करना पुण्यदायी है। इस प्रकार, चंद्र ग्रहण में पितरों का श्राद्ध विधिपूर्वक और श्रद्धा से करना आवश्यक है।

चंद्र ग्रहण के दौरान श्राद्ध का समय

18 सितंबर को होने वाले चंद्र ग्रहण के दौरान पितरों का श्राद्ध करने वाले लोगों को सलाह दी जाती है कि वे मोक्षकाल समाप्त होने के बाद ही पिंडदान करें। पितृपक्ष में पहला श्राद्ध करने वाले लोग ग्रहण काल से पहले अपनी तैयारी पूरी कर लें, ताकि ग्रहण समाप्त होते ही श्राद्धकर्म आरंभ कर सकें।

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चंद्र ग्रहण के दौरान क्या न करें

चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। क्रोध न करें, क्रोध करने से अगले 15 दिन आपके लिए मुश्किल हो सकते हैं। भोजन ग्रहण न करें।  ग्रहण के दौरान भोजन करना और पूजा-पाठ करना वर्जित माना जाता है। सुनसान स्थानों पर न जाएं इस दौरान नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव अधिक होता है। नए कार्यों की शुरुआत न करें: ग्रहण के समय नकारात्मक ऊर्जा होती है, जिससे नए काम शुरू करने में समस्या आ सकती है। शारीरिक संबंध से बचें ग्रहण के समय पति-पत्नी को शारीरिक संबंध बनाने से भी बचना चाहिए।

गर्भवती महिलाओं रखे ख़ास ध्यान

चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ खास सावधानिया रखी जाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को बाहर नहीं निकलना चाहिए और उन्हें नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए ध्यान और प्रार्थना करनी चाहिए। इसके अलावा, ग्रहण के दौरान किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचारों या तनाव से दूर रहना चाहिए। साथ ही, ग्रहण के बाद शुद्ध जल से स्नान करना और घर को साफ करना भी महत्वपूर्ण माना जाता है।

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चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें

ग्रहण के दौरान कुछ कार्य फलदायी माने जाते हैं। मंत्रों का जाप इस समय भगवान के मंत्रों का जाप करना बेहद फलदायी होता है। शुद्ध जल से स्नान ग्रहण के बाद स्नान करके गरीबों को दान देना चाहिए।
घर की सफाई ग्रहण के बाद पूरे घर को शुद्ध करना चाहिए, जिससे नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं। दान करना ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न और जरूरतमंदों को वस्त्र दान करने से पुण्य मिलता है।

इस प्रकार, चंद्र ग्रहण के दौरान सावधानी और धार्मिक क्रियाकलापों को ध्यान में रखकर आप पितरों का श्राद्ध सही तरीके से कर सकते हैं।

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