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बच्चे के लिए अमृत है मां का दूध

  • Updated: 02 Aug, 2017 10:49 AM
बच्चे के लिए अमृत है मां का दूध

मां का दूध नवजात शिशु के लिए सर्वोत्तम एवं सम्पूर्ण आहार होने के साथ-साथ अमृत के समान होता है। इस बात को भलीभांति जानते हुए भी आज के युग में अनेक महिलाएं आधुनिक बनने एवं सुंदर दिखने के चक्कर में अपनी नवजन्मी संतान को स्तनपान करवाने की बजाएं फीडर से दूध पिलाकर न केवल उनके जीवन एवं स्वास्थ्य से खिलवाड़ करती हैं बल्कि मातृत्व का भी अपमान कर रही हैं।  बच्चे को जन्म दिए बिना जिस प्रकार नारी अधूरी है उसी प्रकार संतान को स्तनपान करवाए बिना मां भी अधूरी होती है। फीडर की तरफ बढ़ता रुझान एवं स्तनपान करवाने की प्रवृत्ति में निरंतर गिरावट आज चिंता का विषय है। स्तनपान करवाने संबंधी लोगों में जागरूकता लाने हेतु हर वर्ष 1 से 7 अगस्त तक पूरे विश्व में स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है ताकि महिलाओं को बताया जाए कि मां का दूध बच्चे को कुपोषण एवं डायरिया जैसी गंभीर बीमारियों से तो बचाता ही है साथ ही उसके शारीरिक व मानसिक विकास में भी सहायक होता है और इससे बाल मृत्यु दर में कमी आती है। स्तनपान संबंधी विशेषज्ञ डाक्टरों का क्या कहना है आइए पढ़ें।

 

डा. रितु जे. नंदा गाइनी एंड फर्टीलिटी सैंटर की प्रमुख महिला रोग एवं बांझपन के इलाज की विशेषज्ञ डा. रितु नंदा का कहना है कि प्रसव के तुरंत बाद जो महिलाएं बच्चों को स्तनपान करवाना शुरू कर देती हैं उन्हें गर्भाश्य एवं स्तन कैंसर होने का खतरा बहुत कम होता है। प्रसव के बाद 2-3 दिन तक महिलाओं के स्तन से निकलने वाला गाढ़ा-पीला दूध (कोलोस्ट्रम) नवजात शिशु के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।

 

कपूर बोन एंड चिल्ड्रन अस्पताल की बाल रोग विशेषज्ञ डा. पूजा कपूर का कहना है कि जन्म के बाद 6 महीने तक बच्चे के लिए मां का दूध ही काफी होता है इसलिए उक्त अवधि तक बच्चे को स्तनपान अवश्य करवाना चाहिए। उन्होंने बताया कि मां के पहले दूध में प्रोटीन एवं एंटीबायोटिक्स होते हैं जोकि बच्चे को बाहर की इन्फैक्शन से लडऩे में सक्षम बनाते हैं और उसके शरीर में पानी की कमी नहीं होने देते।

 

बरीना स्किन केयर की प्रमुख त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. बरीना का कहना है कि स्तनपान करवाने से महिलाओं की फिगर को कोई फर्क नहीं पड़ता इसलिए नवजात शिशु को स्तनपान अवश्य करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्तनपान करवाते समय कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। स्तनपान से पहले एवं बाद में स्तनों को अच्छी तरह साफ कर लें ताकि इन्फैक्शन होने का खतरा न हो।

 

- फिडर की तरफ बढ़ता रूझान चिंता का विषय 

- बाल मृत्यु दर में कमी लाता है स्तनपान 
 

स्तनपात करवाते समय रखे इन बातों का ध्यान 

- बच्चे को स्तनपान हमेशा बैठ कर करवाना चाहिए।
- स्तनपान हमेशा एकांत में बैठ कर करवाना चाहिए।
- स्तनपान करवाते समय मन में धार्मिक एवं अच्छे विचार लाने चाहिएं।
- स्तनपान बारी-बारी दोनों स्तनों से करवाना चाहिए।
- स्तनपान करवाते समय बच्चे का नाक स्तन के साथ नहीं लगना चाहिए।
- स्तनपान करवाने के उपरांत बच्चे को छाती से लगाकर डकार अवश्य दिलाएं।
- स्तनपान के उपरांत स्तनों को अच्छी तरह साफ करें।

 

 

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