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भाई दूज पर तिलक की सही दिशा: बढ़ेगा भाई-बहन का प्यार और घर में आएगी समृद्धि

  • Edited By Monika,
  • Updated: 19 Oct, 2025 01:50 PM
भाई दूज पर तिलक की सही दिशा: बढ़ेगा भाई-बहन का प्यार और घर में आएगी समृद्धि

नारी डेस्क : भाई दूज का त्योहार हर भाई-बहन के रिश्ते में प्रेम, विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करते हुए तिलक करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तिलक लगाते समय बैठने की दिशा का भी वास्तु शास्त्र में खास महत्व होता है? सही दिशा में तिलक करने से रिश्तों में मिठास बढ़ती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

भाई किस दिशा में बैठे

वास्तु शास्त्र के अनुसार, भाई को उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए।
उत्तर दिशा धन, अवसर और सफलता की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में तिलक करने से करियर और आर्थिक स्थिरता आती है।
पूर्व दिशा ज्ञान, प्रकाश और सकारात्मक ऊर्जा की दिशा है। इस दिशा में बैठने से रिश्तों में प्यार और समझ बढ़ती है।

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यदि दिशा तय करने में भ्रम हो, तो मोबाइल कम्पास का प्रयोग करें।

बहन को किस दिशा में बैठना चाहिए

जब भाई उत्तर या पूर्व की ओर देख रहा हो, तो बहन को दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए।
इससे दोनों के बीच ऊर्जा का संतुलन बना रहता है और तिलक विधि अधिक शुभ मानी जाती है।

तिलक में कौन-सा रंग सबसे शुभ है

भाई दूज पर लाल रंग की रोली से तिलक लगाना सबसे शुभ माना गया है।
लाल रंग शक्ति, साहस और प्रेम का प्रतीक है।
इसमें थोड़ा चावल मिलाकर अक्षत तिलक लगाना और भी मंगलकारी होता है, जो स्थिरता और समृद्धि लाता है।

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तिलक करते समय क्या बोलें

तिलक लगाते समय मन में शुभ विचार और आशीर्वाद रखें।
भाई की लंबी उम्र, तरक्की और सुख-शांति की प्रार्थना करें।
आप "आयुष्मान भव" या "सौभाग्यवती भव" जैसे पारंपरिक आशीर्वचन कह सकती हैं।

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भाई की गोद में क्या रखें शुभ माना गया है

तिलक करते समय भाई की गोद में पान का पत्ता, सुपारी या नारियल रखना शुभ माना गया है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, ये वस्तुएं पॉजिटिव एनर्जी और सुरक्षा का प्रतीक हैं, जो नकारात्मकता को दूर रखती हैं।

तिलक के बाद दिशा तुरंत न बदलें

तिलक के बाद भाई को कुछ देर उसी दिशा में बैठे रहने दें।
इससे उस दिशा की सकारात्मक ऊर्जा पूरी तरह अवशोषित होती है।
फिर बहन मिठाई खिलाए और आरती करे।

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किन दिशाओं से बचें

वास्तु के अनुसार, भाई को दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) या पश्चिम-दक्षिण दिशा की ओर मुख करके नहीं बैठना चाहिए।
यह दिशा भारीपन और नकारात्मकता की सूचक मानी जाती है।
ऐसी स्थिति में मन में उदासी या मतभेद बढ़ सकते हैं।

भाई दूज सिर्फ एक पारंपरिक रस्म नहीं, बल्कि ऊर्जा और भावना का आदान-प्रदान है। यदि इस दिन तिलक सही दिशा और शुभ विचारों के साथ किया जाए, तो भाई-बहन का रिश्ता और गहरा होता है। सही दिशा में बैठकर तिलक करने से भाई की उम्र लंबी होती है, परिवार में सुख-समृद्धि आती है और घर में बनी रहती है पॉजिटिव एनर्जी।
 

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