ज्यादातर नवजात शिशु सोते वक्त परेशानी क्रिएट करते हैं। दिन भर सोना और रात को जागना कई बच्चों की रुटीन बन जाती है। ऐसे बहुत कम शिशु होते हैं जो रात सो कर बिताते हों। कई बार तो शिशु जब रोते हैं जो पेरेंट्स को पता नहीं चल पाता कि उन्हें क्या चाहिए। हालांकि इस तरह की दिक्कत उन लोगों के साथ ज्यादा होती है जो पहली बार पेरेंट्स बनते हैं। अगर आप भी इसी आजकल इसी बात से परेशान हैं तो आपके लिए कुछ टिप्स लेकर आएं हैं जो आपके शिशु और आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं...
गुनगुने पानी से स्नान
जब तक शिशु 1 साल का न हो जाए, तब तक उसे गुनगुने पानी के साथ नहलाएं। नहलाने से पहले शिशु की मालिश जरुर करें, इससे बच्चे की बॉडी रिलैक्स फील करेगी जिससे नहाने के बाद वह तुरंत सो जाएगा। बच्चों को नहलाते वक्त या फिर बाद में कभी भी खिलौने न दें। इससे बच्चे का मन डाइवर्ट होगा, जिस वजह से बच्चा सोने में आनाकानी करेगा।
न सुलाएं भूखे पेट
रिसर्च और डॉक्टर्स दोनों बताते हैं कि शिशु भूख की वजह से या तो सो नहीं पाते हैं या आधी नींद से ही उठ जाते हैं। ऐसे में मां को चाहिए कि वह बच्चे का पेट हमेशा भरा रखे। ताकि सोते वक्त बच्चा भूखे पेट न सोए।
पालने में सुलाते वक्त रखें ध्यान
आप जिस पालने में शिशु को सुला रही हैं, उसमें किसी तरह की सुगंध का इस्तेमाल न करें। ऐसा करने से भी बच्चे की नींद पर असर डलता है। आधी-अधूरी नींद की वजह से बच्चा चिड़चिड़ा महसूस करने लगता है। जिसका असर उसकी सेहत पर भी पड़ता है।
सेहत का ध्यान
कई बार पेट में एसिडिटी की वजह से बच्चा सो नहीं पाता । बच्चे को फीड देने के बाद कंधे के सात लगाकर डकार जरुर दिलवाएं। जिससे एसिडिटी जैसी समस्या का सामना बच्चे को नहीं करना पड़ेगा।
सोने का समय तय करें
सोने का एक वक्त न होने की वजह से भी बच्चों को नींद लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बच्चे के सोने का समय जरुर तय करें। ऐसा करना उसके भविष्य के लिए भी फायदेमंद रहेगा।
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