स्किन में कोई बदलाव, दाग-धब्बे दिख रहे हैं तो उसे अनदेखा ना करें क्योंकि यह खतरनाक रोग बेसल सेल कार्सिनोमा (एक तरह का अल्सर) का संकेत हो सकते हैं। यह एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जिसके कारण त्वचा और हड्डियां सड़ने लगती हैं। हाल ही में एक 70 साल के शख्स को बचाने के लिए खोपड़ी का दुर्लभ ऑपरेशन करना पड़ा और प्लास्टिक सर्जरी के जरिए उसके सिर पर नई स्किन लगाई गई। चलिए आपको बताते हैं कि क्या है बेसल सेल कार्सिनोमा और कैसे पहचानें इसके लक्षण...
क्या है बेसल सेल कार्सिनोमा?
बेसल सेल कार्सिनोमा एक तरह का अल्सर या कैंसर है, जो त्वचा के ऊपरी हिस्से पर होता है। यह धीरे-धीरे खोपड़ी को फाड़ने की स्थिति में ले जाता है। बेसल सेल कार्सिनोमा कोशिकाओं नई त्वचा कोशिकाओं को बनाती है लेकिन जब कैंसर सेल्स कोशिकाओं, टीशूज, हड्डियों को संक्रमित करते हैं तो स्किन खराब होने लगती है। स्किन के ऊपरी हिस्से में होने वाला यह कैंसर आमतौर पर नाक व चेहरे से शुरू होता है और धीरे-धीरे बढ़ता है।
किन लोगों को होती है अधिक समस्या?
लगातार सूरज की रोशनी के सीधे संपर्क में रहने वाले लोगों को इसका ज्यादा खतरा होता है। इससे त्वचा पर घाव बन जाता है, जो आम उपचार से भी ठीक नहीं हो पाता।
बेसल सेल कार्सिनोमा कैंसर के लक्षण
. त्वचा पर सफेद या काले रंग का उभार
. उभार फटना और उसमें से खून आना
. त्वचा का पीयरली व्हाइट या लाइट पिंक होना
. रक्त वाहिकाएं साफ नजर आना
. त्वचा पर घाव और खुजली
. छाती या पीठ पर लाल रंग के पैच
कैंसर का इलाज
डॉक्टर मरीज की कैंसर स्टेज और स्थिति देने को बाद सर्जरी, सर्जिकल छांटना (Surgical excision) यह मोह सर्जरी (Mohs surgery) की सलाह देते हैं। इसके अलावा कैंसर कोशिकाओं की फ्रीजिंग यानि क्रायोसर्जरी के जरिए भी इसका इलाज किया जाता है। इसमें लिक्विड नाइट्रोजन से कैंसर कोशिकाओं को फ्रीज करके उन्हें खत्म किया जाता है।
हालांकि इस कैंसर के इलाज के लिए बहुत -सी दवाएं भी मौजूद है लेकिन ध्यान रखें कि बिना डॉक्टर की सलाह से कोई दवा न लें। इससे आपकी सेहत को नुक्सान हो सकता है।