मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड कराने के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि इन महिलाओं का अपहरण करने से पहले हथियारबंद पुरुषों का एक समूह कांगपोकपी जिले के गांव में घुसा और उसने घरों को लूटा तथा आगजनी की, लोगों की हत्या की तथा महिलाओं का यौन शोषण किया। दावा किया जा रहा है कि भीड़ ने एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी जिसने चार मई को कुछ लोगों को अपनी बहन से दुष्कर्म करने से रोकने की कोशिश की थी।
इसी बीच एक महिला ने दावा किया है कि महिलाओं की परेड से एक दिन पहले उसका अपहरण किया और उसे जान से मानने की कोशिश की।Brut India को दिए इंटरव्यू ने महिला ने बताया कि मेइतीस के एक समूह ने उसका अपहरण किया और उसे अपने स्थान पर लेकर गए जहां महिलाओं ने भी उसके साथ मारपीट की। पीड़िता का कहना है कि वो लोग उसे जान से मारना चाहते थे, कुछ लोगों के हाथों मे पिस्टोल भी थी, लेकिन पास में पुलिस स्टेशन होने के चलते उन्होंने उस पर गोली नहीं चलाई। पीड़िता का दावा है कि उसे बेरहमी से मारा गया, उसकी सुनने वाना वहां कोई नही था।'
इस घटना के अगले दिन ही दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया और दूसरे लोगों के सामने ही उनका यौन उत्पीड़न किया गया। सैकुल थाने में दर्ज प्राथमिकी में दावा किया गया है, ‘‘एके राइफल्स, एसएलआर, इनसास और .303 राइफल्स जैसे आधुनिक हथियार लेकर करीब 900-1000 लोग सैकुल थाने से करीब 68 किलोमीटर दक्षिण में कांगपोकपी जिले में हमारे गांव में जबरन घुस आए।'' प्राथमिकी में दावा किया गया है, ‘‘हिंसक भीड़ ने हमारे घरों में तोड़फोड़ की और चल संपत्तियां लूटने के बाद उन्हें आग के हवाले कर दिया।''
पुलिस ने महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड कराने तथा उनसे छेड़छाड़ करने के संबंध में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी से एक दिन पहले 19 जुलाई को इस घटना का वीडियो सामने आया था। इस घटना के संबंध में एक महीने पहले 21 जून को सैकुल थाने में शिकायत दर्ज की गयी थी। जिन दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड करायी गयी, उनमें से एक का पति करगिल युद्ध में भाग ले चुका पूर्व सैनिक है जिन्होंने इस पर खेद जताया कि उन्होंने देश की रक्षा की लेकिन अपनी पत्नी को अपमानित होने से नहीं बचा पाए। वह असम रेजीमेंट में सूबेदार के रूप में भारतीय सेना में सेवा दे चुके हैं। उन्होंने एक स्थानीय समाचार चैनल से कहा, ‘‘मैं करगिल युद्ध में देश के लिए लड़ा और भारतीय शांति रक्षक बल के रूप में श्रीलंका में भी रहा। मैंने देश की रक्षा की लेकिन मैं निराश हूं कि मैं अपनी पत्नी तथा बाकी ग्रामीणों की रक्षा नहीं कर सका।'