कौन कहता है कि बेटियां नाम रोशन नहीं करती। हाल ही में भारत की तीन बेटियों ने कुछ ऐसा कर दिखाया है, जिससे सिर्फ उनके ही नहीं बल्कि पूरे देश का सीना चौड़ा हो जाएगा। एशियन कुश्ती चैम्पियनशिप में भारत के लिए गुरुवार का दिन अच्छा रहा क्योंकि इस दिन भारत की 3 महिला खिलाड़ियों ने मैडल जीतकर इतिहास रचा दिया है।
दिव्या काकरान, सरिता मोर और पिंकी ने गुरूवार को यहां अपने वजन वर्गों में स्वर्ण पदक अपने नाम किए जिससे भारत ने एशियाई चैम्पियनशिप की महिला स्पर्धाओं में पहले दिन दबदबा बनाया। दिव्या काकरन एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला पहलवान बन गईं। दिव्या ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 5 पहलवानों के 68 कि.ग्रा. में अपने सभी चार मुकाबले जीते, जो राउंड रॉबिन प्रारूप में खेले गए। उन्होंने अपने सारे मुकाबले प्रतिद्वंद्वियों को चित्त करके जीते, जिसमें जापान की जूनियर विश्व चैंपियन नरूहा मातसुयुकी को हराना भी शामिल रहा।
दिव्या के बाद पिंकी ने महिलाओं के 55 किलो वर्ग में देश को दूसरा गोल्ड दिलाया। उन्होंने फाइनल में मंगोलिया की दुल्गुन बोलोरमा को 2-1 से शिकस्त दी। इस जीत के साथ वे चैम्पियनशिप के इतिहास में गोल्ड जीतने वालीं तीसरी भारतीय महिला बनीं। पिंकी ने मरीना जुयेवा को सेमीफाइनल में 6-0 से हराया था।
यही नहीं, सरिता मोर (59 किग्रा) और निर्मला देवी (50 किग्रा) ने अपने-अपने वर्गों के फाइनल में पहुंचकर रजत पदक पक्का कर दिया। एशियन गेम्स की कांस्य पदक विजेता दिव्या ने 68 किग्रा में पहले कजाखिस्तान की एलबिना कैरजेलिनोवा को हराया और फिर मंगोलिया की डेलगेरमा एंखसाइखान को पराजित किया।
इससे पहले भारत के लिए सीनियर एशियाई चैम्पियनशिप महिला स्पर्धा में एकमात्र स्वर्ण नवजोत कौर ने हासिल किया था जिन्होंने 2018 में किर्गिस्तान के बिशकेक में 65 किग्रा का खिताब जीता था।
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