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कहीं मेट्रो तो कहीं वाराणसी घाट...कोलकाता के दुर्गा पंडालों में  कारीगरों ने दिखाई कमाल की क्रिएटिविटी

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 09 Oct, 2024 04:46 PM
कहीं मेट्रो तो कहीं वाराणसी घाट...कोलकाता के दुर्गा पंडालों में  कारीगरों ने दिखाई कमाल की क्रिएटिविटी

दुर्गा पूजा के शुरू होते ही कोलकाता में अलग ही की चहल-पहल नजर आती है। यहां की सड़कें कला, संस्कृति और भक्ति के लुभावने प्रदर्शन में तब्दील हो जाती हैं।  शहर में हर साल अलग- अलग थीम के साथ पंडाल सजाए जाते हैं, जो अनगिनत कारीगरों की विशेषज्ञता को उजागर करते हैं। आज हम आपको इस साल के उन पंडालों को दिखाने जा रहे हैं जिसे देखते ही आप इनकी खूबसूरती में खो जाएंगे। 

 

वर्षा जल संरक्षण पंडाल 

साल्ट लेक में वर्षा जल संरक्षण पंडाल न केवल शानदार है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है। एक सुंदर झरने और हरे-भरे सजावट के साथ, पंडाल एक शांत वातावरण बनाता है। इसका अनूठा साउंडस्केप विभिन्न कंटेनरों पर पानी की बूंदों की कोमल ध्वनि का उपयोग करके लोगों को उत्सव की भावना में डुबो देता है।


मेट्रो ट्रेन की थीम वाला पंडाल

वहीं मेट्रो ट्रेन की थीम पर तैयार किया गया मां दुर्गा का पंडाल लोगों को काफी ध्यान आकर्षित कर रहा है। यहां मेट्रो के कोच से गुजरते हुए आप माता रानी की प्रतिमा के पास पहुंचते हैं। मेट्रो से उतरकर स्टेशन पर बना मां दुर्गा का पंडाल काफी ज्यादा भव्य और मनमोहक बनाया गया है। 

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आरजी कर की घटना की थीम पर बना पंडाल

कोलकाता में आरजी कर रेप और हत्या के विरोध के बीच एक दुर्गा पूजा कमेटी ने अपनी थीम के जरिए महिलाओं पर अत्याचार के खिलाफ विरोध करने का फैसला किया है। दुर्गा पूजा में लज्जा या शर्म नामक एक थीम बनाई है, जिसमें  देवी दुर्गा अपने हाथों से अपना चेहरा छिपाती हैं और उनका राजसी शेर अपना सिर झुकाए हुए है. उनके सामने एक सफेद कपड़े में लिपटी महिला का शव पड़ा है।

 

वाराणसी घाट की थीम

कोलकाता के चेतला अग्रनी दुर्गा पूजा पंडाल में मंदिरों के शहर काशी (वाराणसी) के माहौल और उत्साह में डूब जाएंगे। इस पंडाल में प्रतीकात्मक गंगा आरती और हर हर महादेव के शक्तिशाली नारे लगाए जाते हैं। पंडाल में प्रतिष्ठित वाराणसी के घाटों को दिखाया गया है, जो गंगा प्रदूषण के ज्वलंत मुद्दे को उजागर करते हैं।

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ग्रीन दुर्गा पूजा पंडाल

कोलकाता के लालाबागान में इस साल  ग्रीन दुर्गा पूजा का आयोजन एक अनूठी पहल के रूप में किया गया है। इस पंडाल की खासियत यह है कि इसे 8,000 जीवित पौधों से सजाया गया है, जो पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण-अनुकूल जीवनशैली के महत्व को दर्शाता है। यह अद्भुत पंडाल न केवल कला का उत्कृष्ट नमूना है, बल्कि प्रकृति के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी एक सशक्त संदेश देता है, जो भक्तों और पर्यटकों को पर्यावरण की रक्षा के महत्व की ओर प्रेरित करता है।

 

लास वेगास स्फीयर की थीम पर पंडाल

इस साल कोलकाता में एक प्रतिष्ठित दुर्गा पूजा पंडाल, लास वेगास के प्रसिद्ध “स्फीयर” से प्रेरणा लेकर बनाया गया है। इस पंडाल में नियॉन लाइट्स और चमकदार सजावट का प्रयोग किया गया है, जो इसे अद्वितीय और मंत्रमुग्ध कर देने वाला बनाता है। हर कोने में रोशनी की जगमगाहट इसे और भी विशेष बना देती है।
 

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