घुटनों का दर्द आज एक आम समस्या बनती जा रही है। पहले जहां यह प्रॉब्लम बड़ी उम्र के लोगों में देखने को मिलती थी, वहीं आज छोटे और यंग बच्चों में भी यह समस्या देखने को मिल रही है। आइए जानते हैं घुटनों में दर्द होने के खास कारण...
पहला- उम्र से पहले घुटनों में दर्द यानि पैथोकैमिकल
इसे आम भाषा में घुटनों का घिसना कहते हैं। ज्यादातर यह समस्या 50 की उम्र पार कर चुके लोगों में ही दिखाई देती है। असल में एक औरत जब 40 वर्ष की हो जाती है तो उसके शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। उन्हीं बदलावों में से एक है पैथोकैमिकल। 100 में से 60 औरतें इस परेशानी का सामना जरुर करती हैं। उम्र के अलावा इस समस्या के और भी कारण हो सकते हैं। जैसे कि...
-गलत तरीके से बैठना और उठना
-मांसपेशियों का लचीला न होना
-शरीर में कैल्शियम की कमी इत्यादि।
क्यों होती हैं ये समस्याएं...
असल में कुछ लोग समय रहते अपने उठने बैठने की पोजिशन पर ध्यान नहीं देते। ऐसे में कई बार शरीर में मौजूद कोई ऐसी नस या फिर मांसपेशी मुड़ जाती है, जिस वजह से घुटनों में बेवजह दर्द की तकलीफ होती है। ऐसे में जरुरी है अपने उठने-बैठने की पोजीशन पर खास ध्यान दें साथ ही रोजाना कसरत करें ताकि मांसपेशियों का लचीलापल कायम रहे। इसके अलावा दूध, दही और पनीर जैसी कैल्शियम युक्त चीजों का सेवन करते रहें, ताकि शरीर में कैल्शियम की कमी न हो। इसके अलावा...
-कभी भी ज्यादा वजन वाली चीज लेकर न दौड़ें और न ही ज्यादी देर तक झुके रहें।
-रुटीन में बॉडी स्ट्रेचिंग करें, ताकि मांसपेशियों का लचीलापन कायम रहे।
अब बारी आती है दूसरे कारण की...यानि पैथोलॉजिकल प्रॉब्लम
पैथोलॉजिकल प्रॉब्लम की मुख्य चार कारण हैं। ये चारों कारण अर्थराइटिस से जुड़े हैं। अर्थराइटिस यानि हड्डियों का जुड़ना। डॉक्टरों के मुताबिक अर्थराइटिस 4 तरह का होता है।
-रूमेटाइड अर्थराइटिस
यह अर्थराइटिस पारिवारिक जीन्स के जरिए भी हो सकते हैं।
-गाउट आर्थराइटिस
बॉडी में यूरिक एसिड की मात्रा ज्यादा होने की वजह से यह अर्थराइटिस आपको अपनी चपेट में ले लेता है।
-सोरियाटिक आर्थराइटिस
इस आर्थराइटिस के लक्षण आपकी बॉडी पर भी देखने को मिलते हैं। जैसे कि कोहनियों पर काले धब्बे, घुटनों, हाथ और चेहरे पर लाल दाग।
-ओस्टियो अर्थराइटिस
व्यक्ति का वजन अधिक होने की वजह से ओस्टियो अर्थराइटिस की परेशानी होती है।
अर्थराइटिस एक ऐसी समस्या है जिसका केवल डॉक्टरी इलाज ही संभव है। यदि आप घुटनों का ऑप्रेशन नहीं करवाना चाहते तो आप फिजियोथेरेपी के द्वारा अपना ट्रीटमेंट करवा सकते हैं। हालांकि इसका देसी इलाज भी मौजूद है, मगर डॉक्टरी इलाज या फिर फिजिओथेरेपी के साथ यदि देसी नुस्खे अपनाएं जाएं तो आपके लिए बेहतर होंगे।
घरेलू इलाज
-इस बीमारी से बचने के लिए या फिर पीड़ित व्यक्ति को डॉक्टरी इलाज के साथ-साथ इन उपायों को अपनाना चाहिए। आंवला, बादाम, शहद, दालचीनी, लौंग और काली मिर्च हड्डियां मजबूत बनाने में आपकी मदद करती है।
- प्याज के रस में मेथी दाने का पाउडर मिक्स करके जोड़ों पर लगाने से काफी राहत मिलती है।
-गर्म पानी में हल्दी मिलाकर दर्द वाली जगह धोने से भी आराम मिलता है।
-अदरक वाली चाय का सेवन गठिया रोग में काफी फायदेमंद सिद्ध होता है।
-रात सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीना भी आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगा।
तो ये थे मांसपेशियों में दर्द की खास वजहें और उनसे राहत पाने के आसान तरीके..