22 NOVFRIDAY2024 4:26:00 AM
Nari

अनीता ने शुरू किया "टेरेस गार्डन" का ट्रैंड, गीले कचरे से बनाई खाद

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 01 Jul, 2020 09:55 AM
अनीता ने शुरू किया

आजकल घरों में छोटा-सा गार्डन बनाना ट्रैंड बन गया है। वहीं हैल्थ कॉन्शियस लोग घर में सब्जियां उगाकर खाना पसंद करते हैं। बॉलीवुड सेलेब्स से लेकर आम लोग तक घर पर ही उगी सब्जियां खाना पसंद करते हैं। वहीं दिल्ली की रहने वाली अनीता तिक्कू का घर भी किसी फार्महाउस से कम नहीं है, जहां उन्होंने छत पर ही काफी कुछ उगा रखा है।

घर की छत पर बनाया हरा-भरा गार्डन

अनीता ने घर की छत पर ना सिर्फ हरा-भरा बगीचा बनाया है बल्कि वो तितली और अलग-अलग पक्षियों के साथ-साथ बंदरों की भी मनपसंद जगह भी है। अक्सर शहरों में अक्सर लोग घर में जाल लगवा लेते हैं लेकिन अनीता ने ऐसा कुछ नहीं किया।

PunjabKesari

बचपन से था बागवानी का शौक

पेशे से लैंडस्केप आर्किटेक्ट अनीता बताती हैं कि बचपन से ही उनका प्रकृति से काफी गहरा लगाव था क्योंकि उनके पिता भी बागवानी करते हैं। उन्होंने कहा, ‘लोगों ने अब सस्टेनेबिलिटी को ट्रेंड बना दिया है लेकिन मेरे लिए पर्यावरण सबसे पहले रहा है। हमारे हर प्रोजेक्ट में पर्यावरण कोई हिस्सा नहीं है बल्कि सबसे पहले आता है कि हम कैसे किसी भी निर्माण को सस्टेनेबल बना सकते हैं।

Delhiwale: Anita Tikoo's home-grown haakh with a whiff of Kashmir ...

टेरेस गार्डनिंग की शुरूआत

उनके घर में पेड़-पौधों को हमेशा ही जगह मिली लेकिन फिर उन्हें लगा कि इसमें भी कुछ अलग करना चाहिए इसलिए उन्होंने 2016 में टेरेस गार्डनिंग शुरू किया। यहां उन्होंने सबसे पहले ग्रो बैग्स में सब्जियां लगाईं और फिर लकड़ी के प्लांटर्स बनाए। आज उनकी छत पर 12 लकड़ी के प्लांटर्स हैं, जिनमें वह तरह-तरह की मौसमी सब्जियां उगाती हैं।

पक्षियों, बंदरों व तितलियों के लिए खास स्थान

अनीता ने कहा शुरूआत में मैंने जो भी चीजें उगाई उसे बंदर खराब कर देते थे लेकिन फिर मैंने उन चीजों को उगाना शुरू किया जो बंदर नहीं खाते। अब वह ज्यादातर पत्तेदार सब्जियां उगाती है वहीं सर्दियों में उन्होंने कुछ टमाटर भी लगाए, जिनमें से कुछ बंदरों ने खा लिए।

PunjabKesari

गीले कचरे से बनाई खाद

अनीता के मुताबिक, रिड्यूज, रियूज और रिसायकल उनके लिए काफी महत्व है। वह गीला कचरा भी घर के बाहर फेंकने की बजाए एक क्यारी में डाल देती हैं। इसके लिए उन्होंने घर की पुरानी बाल्टियों से अपनी होम कम्पोस्टिंग किट बनाई, जिसमें धीरे-धीरे खाद बनना शुरू हो गई। गार्डनिंग व कम्पोस्टिंग के साथ वह खाने की वर्कशॉप भी करतीं हैं, जिसमें अलग-अलग क्षेत्र के व्यंजन शामिल होते हैं।

घर पर बनाती है अचार, सॉस और जैम

साथ ही वह लोगों को सावरडो ब्रेड बनाना और फर्मेंटेशन करना सिखाती हैं। इसके अलावा, वह अचार, सॉस और जैम भी बनाती हैं। यही नहीं, अगर गार्डन में से कुछ चीजें बच जाती हैं तो वह उन्हें पड़ोसियों तक भी भेज देती हैं। इस तरह उनके यहां ‘गार्डन टू टेबल’ यानी बाग से खाने की मेज तक का भी एक कांसेप्ट है। वह सभी व्यंजनों की रेसिपी अपने ब्लॉग ‘अ मैड टी पार्टी’ के जरिए लोगों तक पहुंचाती हैं।

Handwoven twill back pleated shirt dress - shopindigene.com

Related News