महाराष्ट्र में स्थित अजंता एलोरा की गुफाएं एवं विभिन्न स्मारक दुनियाभर में मशहूर है। बता दें, कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी होने पर देश के अन्य पर्यटक स्थलों के साथ इन्हें भी बंद कर दिया गया था। मगर कोविड के मामले घटने पर सरकार ने इसे फिर से खोल दिया है। ऐसे में अगर आप भी यहां घूमने व देश के इतिहास से जुड़ी कुछ बातों का ज्ञान लेने के लिए यहां जाने का प्लान कर सकते हैं।
2 फरवरी से खुल गई अजंता एलोरा की गुफाएं एवं विभिन्न स्मारक
बता दें, अजंता एलोरा की गुफाएं एवं विभिन्न स्मारक 2 फरवरी 2022, दिन बुधवार से पर्यटकों के लिए दोबारा खोल दिए गए हैं। राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के कारण ये स्थान पिछले तीन सप्ताह तक बंद रहा। इन स्मारकों को 8 जनवरी को बंद कर दिया गया है। मगर अब जिला प्रशासन ने इन्हें खोलने की मंजूरी दे दी है।
ऑनलाइन टिकटों की खरीद और पूर्ण टीकाकरण जरूरी
एक अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के औरंगाबाद क्षेत्र के अधीक्षक डॉ. मिलन कुमार चौले ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया की आगंतुकों के लिए ऑनलाइन टिकटों की खरीद और पूर्ण टीकाकरण आदि जरूरी है। ऐसे में अगर आप इन रहस्यमयी गुफाओं को देखने के लिए ऑनलाइट टिकट बुक कर सकते हैं। इसके साथ ही यहां जाने वाले पर्यटक को पूर्ण रूप से टीकाकरण अनिवार्य है।
चलिए जानते हैं इन गुफाओं के बारे में...
अजंता की गुफाएं
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में बनी इन प्राचीन गुफाओं का विकास 200 ई.पू. से 650 ईस्वी के बीच माना जाता है। कहा जाता हैं कि इनमें करीब 29 गुफाओं का समूह है। पहाड़ों को घोड़े की नाल के आकार में काटकर इन गुफाओं को तैयार किया गया। दिखने में आकर्षित व अद्भुत इन गुफाओं में घूमने के लिए देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। अजंता की इन गुफाओं को सन 1983 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल ऐलान किया था। ऐसे में आप यहां पर जाकर एक अलग ही अनुभव पा सकते हैं। इसके साथ ही यहां पर फोटो क्लिक करवाकर अपनी यादों को कैमरे में कैद कर सकते हैं।
एलोरा की गुफाएं
अंजता की तरह एलोरा की गुफाएं भी महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित है। भारत के प्राचीन स्थलों का हिस्सा कहलवाने वाली ये गुफाएं बड़े-बड़े चट्टानों व पहाड़ों को काटकर बनाई गई है। आप इन गुफाओं में घूमकर वास्तुकला का बेहतरीन व शानदार नमूना देख सकते हैं। बता दें, इन प्राचीन गुफाओं में हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म के कई मंदिर है। इन्हें गुफाओं को भी यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।