वायु प्रदूषण सिर्फ इंसानों के लिए ही नहीं बल्कि बच्चों के लिए भी बहुत ही नुकसानदायक साबित हो रहा है। यह बच्चों के स्वास्थ्य पर बहुत ही बुरा प्रभाव डाल रहा है। हाल ही में ब्रिटिश के रिसर्चस ने वायु प्रदूषण के कारण बच्चों पर पड़ने वाले स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में बताया है। उन्होंने अपनी इस रिसर्च में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। आपको बता दें कि यह रिसर्च किंग्स कॉलेज लंदन के रिसर्चस ने की है। उन्होंने बताया कि बढ़ते प्रदूषण के कारण बच्चे उच्च रक्त से पीड़ित हो रहे हैं। खासकर जिन बच्चों का वजन ज्यादा होता है उन्हें दिल का दौरा पड़ने और स्ट्रोक आने का खतरा भी बढ़ सकता है।
इस तरह करें बच्चों की सुरक्षा
एक्सपर्ट्स के अनुसार, बच्चों को आप हमेशा शांत सड़कों के जरिए ही स्कूल के लिए लेकर जाएं। जहां से ज्यादा गाड़ियां न आएं। वहीं स्कूलों और खेलों के मैदानों में प्रदूषण कम करने वाले पेड़ लगाएं।
10-19 वर्ष के बच्चों पर की रिसर्च
आपको बता दें कि यह रिसर्च 10-19 वर्ष के बच्चों पर की गई है। रिसर्चस ने करीबन 8 अध्ययनों का विशलेषण किया था, जिसमें करीबन 10-19 वर्ष के लगभग 15,000 बच्चे शामिल थे।
मोटापे से ग्रस्त बच्चों को है ज्यादा खतरा
शोध के अनुसार, कार से निकलने वाले धुएं में पाए जाने वाले 2.5 से 10 पीएम वाले सूक्ष्म कणों के संपर्क में आने पर बच्चों पर ज्यादा असर दिखा। वहीं दूसरी ओर गाड़ियों के टायस से निकलने वाले सूक्ष्म कण और लकड़ी से निकलने वाले धुएं बच्चों के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो रहे हैं। शोध के अनुसार, 12 साल की उम्र तक पीएम 2.5 पीएम 10 के दीर्घकालिक उच्चस्तर के सूक्ष्म कणों के संपर्क में आने वाले बच्चों में रक्तचाप ज्यादा पाया गया। वायु प्रदूषण के कारण बच्चों के व्यस्क होने पर उच्च रक्तचाप का जोखिम अधिक होगा। वहीं दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ सकता है। शोध के अनुसार, उच्च स्तर के वायु प्रदूषण के संपर्क में आने पर सामान्य वजन वाले बच्चों की तुलना में ज्यादा वजन और मोटे बच्चों का रक्तचाप करीबन दौगुणा हो गया था।
प्रदूषित क्षेत्रों में स्थिति होगी ज्यादा गंभीर
शोध का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर सेरोमनी हार्डिंग ने कहा कि बच्चे प्रदूषण के संपर्क में ज्यादा आते हैं क्योंकि वह खेल खेलने या दोस्तों के साथ शॉपिंग सेंटर जाने में अपना ज्यादा समय बिताते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदूषित क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों के बाद के जीवन में उच्च रक्तचाप विकसित होने की संभावना ज्यादा है। उनमें दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।
बच्चों के स्वास्थ्य पर हो रहा है असर
शोध के निष्कर्ष के अनुसार, वायु प्रदूषण के कण नाक के जरिए शरीर में पहुंचकर बच्चों के रक्त में मिल रहे हैं जिसके कारण रक्त वाहिकाओं को बहुत ही नुकसान हो रहा है। इसके कारण रक्त वाहिकाएं सख्त हो रही हैं। इसलिए हृदय को उनके माध्यम से रक्त को बल देने के लिए तेजी से पंप करने की जरुरत होती है। जिसके कारण रक्तचाप बढ़ता है।