टीवी इंडस्ट्री से एक बहुत ही दुखद खबर सामने आ रही है। इंडस्ट्री की जानी मानी एक्ट्रेस उत्तरा बावकर का निधन हो गया है। वह सिर्फ 79 साल की थी पिछले एक साल से एक्ट्रेस बीमारी से जुझ रही थी जिसके बाद उन्होंने पुणे के एक छोटे से अस्पताल में मंगलवार 11 अप्रैल को आखिरी सांस ली। बीते दिन बुधवार एक्ट्रेस का अंतिम संस्कार किया गया था। उनके निधन की जानकारी एक्ट्रेस के परिवार ने दी है।
1984 में मिला था अवॉर्ड
एक्ट्रेस उत्तरा बावकर ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा ने एक्टिंग सिखी थी। उन्होंने थिएटर के कई नाटकों में काम किया था। 'मुख्यमंत्री', 'मीना गुर्जरी', शेक्सपियर का लेख 'ओथेलो' और गिरीश कर्नाड का लेख 'तुगलक' जैसी नाटकों में एक्टिंग की थी। थिएटर में बेहतरीन एक्टिंग के लिए एक्ट्रेस को 1984 में संगीत नाटक अकेडमी अवॉर्ड्स से भी नवाजा गया था।
हिंदी के अलावा मराठी फिल्मों में भी किया काम
करियर में उत्तरा कई सारे बड़े डायरेक्टर्स के साथ काम कर चुकी हैं। 'सरदारी बेगम', 'कोरा कागज', 'आजा नचले', 'हम को दीवाना कर गए', 'रुकमती की हवेली', 'थकक्षक' और कनेडियन फिल्म 'द बर्निंग' में काम कर चुकी हैं। वह हिंदी के अलावा मराठी फिल्म इंडस्ट्री में भी काम कर चुकी हैं। फिल्म 'दोघी', 'वास्तुपुरुष', 'उत्तरायण', 'शेवरी', 'संहिता', 'हा भारत माजा' जैसी फिल्मों का वह हिस्सा रह चुकी हैं। माधुरी दीक्षित स्टारर फिल्म 'आजा नचले' में एक्ट्रेस ने मां का रोल अदा किया था।
जस्सी जैसी कोई नहीं में निभाया दादी का रोल
फिल्मों के अलावा उत्तरा बावकर टीवी शोज में भी दिख चुकी हैं। उनका पहला शो 'उड़ान' था। 'उड़ान' के अलावा वह 'अंतराल', 'नजराना', 'जस्सी जैसी कोई नहीं', 'कशमश जिंदगी की', 'जब हुआ प्यार' और 'रिश्ते' में नजर आ चुकी थी। इसके अलावा जस्सी जैसी कोई नहीं में उन्होंने मोना सिंह की दादी का किरदार निभाया था।
नेशनल अवॉर्ड विनिंग डायरेक्टर ने किया याद
एक्ट्रेस के निधन के बाद नेशनल अवॉर्ड जीत चुके सुनील सुकथंकर ने उन्हें याद किया है। उन्होंने उत्तरा के साथ करीबन 8 फिल्मों में काम किया था। उन्होंने बात करते हुए बताया कि एक्ट्रेस ने उनकी फिल्मों में बहुत ही अच्छा रोल किया था। फिल्म सेट पर वह काफी सीरियस रहती थी।