वास्तुशास्त्र में आईना यानि की शीशा काफी महत्वपूर्ण माना जाता है अगर इसे सही दिशा में रखा जाए तो यह पॉजिटिवी लेकर आता है लेकिन अगर रखने की दिशा गलत हो जाए तो सकारात्मकता को नकारात्मकता में भी बदल देता है। घर में क्लेश बीमारी और पैसे की बर्बादी भी ले आता है।
अगर आप वास्तु में विश्वास रखते हैं तो आईना के आकार, साइज और दिशा खास ख्याल रखा जाता है। चलिए आईने से जुड़े कुछ टिप्स व जरूरी बातें आपको बताते हैं...
7 साल का दुर्भाग्य लेकर आता है टूटा कांच
प्राचीन कथाओं की मानें तो कांच जब टूटता है तो वह घर में मौजूद नेगेटिव एनर्जी को अब्जॉर्ब कर लेता है जो अगर घर में ही रह जाए तो 7 साल तक दुर्भाग्य बना रहता है इसलिए कांच टूटे तो उसे घर पर ना रखें। दरार पड़ा कांच या आईना भी घर पर ना रखें क्योंकि इससे घर के सदस्यों के लड़ाई-झगड़े होते हैं। रोमन सभ्यता की मानें तो कांच के अंदर दिखने वाले अक्स को आत्मा माना गया इसलिए वह कांच टूटना अशुभ मानते हैं।
सही दिशा में ही लगाए आईना
आईने की सहीं दिशा उत्तर, पूर्व या पूर्व-उत्तर दिशा है और बाथरुम में भी इसी दिशा में ही आईना रखें। आपका वॉश बेसिन पर लगा शीशा भी इसी दिशा में होना चाहिए।
घर के मेनगेट पर आईना लगाने से बचें। ऐसा करने से नेगेटिव एनर्जी घर में प्रवेश कर सकती है।
.कभी 2 शीशे एक-दूसरे के सामने ना लगाएं और ना ही सीढ़ियों के पास।
.आईने का आकार भी बहुत माइने रखता है गोल शीशा घर में ना रखें। वर्गाकार और आयताकार शीशे ही शुभ माने जाते हैं।
.नुकीले या तेजधार आईना ना लगाए ये आपको कर्ज में डूबा सकते हैं।
बैडरुम में आईना ना रखें
बैडरुम में शीशा या ड्रेसिंग टेबल नहीं होना चाहिए, अगर बैडरूम में आईना या ड्रेसिंग टेबल रखना भी पड़ रहा है तो इस बात का ध्यान दें कि शीशे में बैड का अक्स ना दिखें या आईने को किसी परदे से ढक कर रखें क्योंकि इससे पति-पत्नी के बीच मन मुटाव बना ही रहता है।
आईना पॉजिटिव एनर्जी भी ला सकता है और नैगेटिव भी। इसलिए इसे सही दिशा में ही लगाकर घर को सकारात्मकता से भर दें।