ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जो महिलाओं को मौत के दरवाजे तक ले जाती है। भारतीय महलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का आंकड़ा हर साल बढ़ता जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में लगभग 1,62,468 ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने आए, जिसमें से 87,090 महिलाएं अपनी जान गवां बैठी। हालांकि इसका इलाज संभव है अगर समय रहते कैंसर का पता चल जाए। फिलहाल ब्रेस्ट कैंसर की न कोई थेरेपी और न ही सर्जरी है लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों के हाथ एक बड़ी सफलता लगी है।
ट्रिपल निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर का इलाज हो सकेगा संभव
ऑस्ट्रेलियन वैज्ञानिकों के इस नए शोध के मुताबिक, मधुमक्खी का जहर ट्रिपल निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में मददगार है, जो सबसे खतरनाक स्टेज है। दरअसल, यह एग्रेसिव (गंभीरतम) ब्रेस्ट कैंसर सेल्स को खत्म करने में मदद करता है, वो भी बिना नुकसान पहुंचाए। रिसर्च के अनुसार, लगभग 10 से 15 मामले ही ट्रिपल निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर होते हैं, जिसके लिए कोई इलाज या टारगेटेड थेरेपी नहीं है।
लगभग 1 घंटे में ही कैंसर सेल्स को मारेगा यह विष
वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सी के रिसर्च के मुताबिक, मधुमक्खी का जहर सिर्फ 1 घंटे में कैंसर सेल्स को मार सकता है, जिसके Dr Ciara Duffy और उनकी टीम ने मिलकर बनाया है। हालांकि वैज्ञानिक इसे लेकर अभी ओर भी रिसर्च कर रहे हैं।
मधुमक्खी के विष में मिला एंटी-कैंसर कंपाउंड
रिसर्च Apis Mellifera मधुमक्खी के विष पर की गई है, जिसमें वैज्ञानिकों को एंटी-कैंसर कंपाउंड मिला है।हालांकि हजारों सालों से मधुमक्खी के शहद, वैक्स और जहर को दूसरी बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल जाता आ रहा। मगर, इसके जहर से कैंसर का इलाज निकल सकता है यह किसी ने भी नहीं सोचा था।
दूसरे सेल्स को नहीं होगा नुकसान
इनके जहर में मेलिटिन (Melittin) नाम का एक्टिव कंपाउंड मिला है, जो कैंसर सेल्स का खात्मा कर सकता है। यही नहीं, यह कंपाउंड एग्रेसिव कैंसर सेल्स को सिर्फ 60 मिनट में खत्म कर सकता है। वहीं, रिसर्च में पाया गया है कि इससे दूसरे सेल्स को कम नुकसान होता है।
वैज्ञानिकों इस रिसर्च को गंभीरता से रहे हैं इसलिए इससे जल्दी ही ब्रेस्ट कैंसर का इलाज संभव हो सकता है। अगर वैज्ञानिक मधुमक्खी के इलाज में कारगार साबित हो जाती है तो यह वाकई बहुत बड़ी खुशखबरी होगी।