कहते हैं हर किसी में एक ऐसी कला जरूर होती है जो उसे दूसरों से अलग बनाती है। बस जरूरत होती है तो अपनी उस कला पर काम करने की। लेकिन कईं बार हमारे सामने कुछ ऐसे केस आ जाते हैं जिसे देख लगता है कि यह कला भगवान की तरफ से ही उस व्यक्ति को गिफ्ट में मिली है। ऐसा ही एक उदाहरण सामने आया है जहां 7 साल की लड़की ने सबको हैरान कर दिया।
सात साल वो उम्र जिसमें बच्चों को जिंदगी के बारे में कुछ नहीं पता होता है। वह आजाद पंछी की तरह अपनी जिंदगी गुजारते हैं लेकिन इसी उम्र में अभिजीता गुप्ता ने एक किताब लिखी। जी हां...सात साल की अभिजीता गुप्ता की किताब हाल ही में रिलीज हुई। इस किताब का नाम 'हैप्पीनेस आल अराउंड' है।
बनी सबसे कम उम्र की लेखिका
अपनी इस अनोखी कला से अभिजीता ने अपने नाम सबसे कम उम्र की लेखिका का खिताब कर लिया है। इतना ही नहीं उन्हें एशिया बुक ऑफ रिकॉर्डस और इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है। मीडिया रिपोर्टस की मानें तो अभिजीता कहानी और कविता दोनों लिखने में माहिर हैं।
3 महीने में लिखी किताब
मीडिया रिपोर्टस की मानें तो अभिजीता ने इस किताब को 3 महीने में लिखा है। बच्चे अभिजीता की इस किताब को काफी पसंद भी कर रहे हैं। आपको बता दें कि अभिजीता भारत के प्रसिद्ध कवि स्वर्गीय मैथिलीशरण गुप्त की पोती हैं।
5 साल की उम्र में मांगती थी कॉपी-पेंसिल
अभिजीता को लिखने का शौक छोटी उम्र से ही था। इसके कारण वह हमेशा अपने माता पिता से पेंसिल और कॉपी की मांग करती थीं। बेटी की इस अचीवमेंट पर मां अनुप्रिया कहती हैं ,' मैं तो यह देखकर हैरान थी क्योंकि अभिजीता ने जो किताब लिखी थी उसमें एक दो गलतिया थी। इसे देख मैं वाकई हैरान हूं।'
वहीं अभिजीता ने इस पर कहा ,' मेरी लेखनी में पॉजिटिव सोच दिखती है इसका कारण है कि मेरे माता पिता ने मुझे हर हाल में पॉजिटिव रहना ही सिखाया है। आपको बता दें कि अभिजीता ने अपनी पहली कहानी 'द एलिफेंट एडवाइज' लिखी थी। उसकी पहली कविता का नाम 'ए सनी डे'
सच में हम इस नन्ही लड़की के टेलेंट को सलाम करते हैं।