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इंसानियत अभी जिंदा है... PGI में भर्ती साक्षी की मदद के लिए एकजुट हुआ देश,  इलाज के लिए जुटाए 9 लाख

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 18 Jan, 2022 11:27 AM
इंसानियत अभी जिंदा है... PGI में भर्ती साक्षी की मदद के लिए एकजुट हुआ देश,  इलाज के लिए जुटाए 9 लाख

भले ही कलयुग का जमाना आ गया हो लेकिन अभी भी लोगों के दिलों में इंसानियत कहीं ना कहीं जिंदा है। इस बात सबूत है चंडीगढ़ के पीजीआई में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही साक्षी, जिसकी मदद के लिए पूरा देश एकजुट हो गया। पीजीआई में एडमिट साक्षी की मदद करने के लिए लोगों ने 41 घंटों में आए साढ़े 6 लाख रुपए का डोनेशन दिया। सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग साक्षी की मदद के लिए आगे आए।

41 घंटों में आए साढ़े 6 लाख रुपए

जानकारी देते हुए साक्षी के चाचा कमलदीप ने बताया कि रविवार, शाम 5 बजे तक इनक बैंक अकाऊंट में 9 लाख डोनेशन पहुंच चुका था, जिसमें से साढ़े 6 लाख रु पिछले 41 घंटों में आए हैं। साक्षी के पिता हरवंश लाल डोनेशन देने वाले गांव, प्रदेश, देश और विदेश के लोग व युवाओं का आभार जताया। साथ ही उन्होंने अपील करते हुए कहा कि बेटी के इलाज के लिए जरूरत के अनुसार प्यार मिल चुका है। अब प्लीज, डोनेशन नहीं सबकी दुआ चाहिए।

क्या है मामला?

बता दें कि नगरोटा विधानसभा के तहत आती ग्राम पंचायत सियूंड की रहने वाली साक्षी कुछ दिन पहले घर के पास मां के साथ घास लेने गई थी। तभी वह 150 मीटर खाई में गिर गई, जिसके कारण उसकी रीढ़ की हड्डी, सिर और पसलियों में काफी चोटें आई। डॉक्टरों ने कहा कि अब उनके ऑप्रेशन करने होंगे। ऑपरेशन के लिए पैसे ना होने पर माता-पिता ने परिजनों से मदद की गुहार लगाई थी।

छात्र भी साक्षी की सांसें लौटाने आए आगे

साक्षी की मदद के लिए सिर्फ रिश्तेदार, गांव के लोग ही नहीं बल्कि पालमपुर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और एबीवीपी हिमाचल के स्टूडैंट्स भी आगे आए और गुप्त तरीके से दान किया। इसके अलावा कई समाजसेवी संस्थाओं , आम जनता और विदेश गए लोगों ने भी साक्षी की मदद के लिए मानवता दिखाई। कुछ लोगों ने घर पर आकर भी मदद की।

पीजीआई में भागदौड़ कर भाई भी बीमार

साक्षी के चाचा कमलदीप ने बताया कि करीब 4 बजे साहिल (साक्षी) के भाई से बात हुई थी। साक्षी अभी भी ट्रामा सैंटर में वैंटीलेटर पर है और उसे पीला ब्लड चढ़ाया जा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि कुछ-कुछ रिकवर हो रहा है। वहीं, बहन के लिए भागदौड़ करने के बाद साक्षी का भाई भी बीमार हो गया है। अब उसके सहारे के लिए पड़ोस से ही युवक चंडीगढ़ गए हैं।

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