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INSPIRATIONAL: 81 साल की अम्मा कपड़े से बनाती हैं गणपति की खूबसूरत मूर्ति

  • Edited By Janvi Bithal,
  • Updated: 25 Aug, 2020 06:39 PM
INSPIRATIONAL: 81 साल की अम्मा कपड़े से बनाती हैं गणपति की खूबसूरत मूर्ति

गणेश चतुर्थी का त्योहार देश दुनिया में मनाया जाता है। इन दिनों लोग अपने घरों में बप्पा को लेकर आते हैं और उनकी सेवा करते हैं। इन दिनों आपको बाजारों में बप्पा की बहुत सी खूबसूरत मूर्तियां भी देखने को मिलेंगी लेकिन आज हम आपको एक अम्मा की ऐसी कहानी बताते हैं जो कपड़े से गणेश जी की मूर्तियों को बनाती है। 

81 साल की सीता रानी जैन कपड़ों से बप्पा की मूर्तियों को बनाती हैं । सीता रानी इन मूर्तियों को बनाकर आस-पास के लोगों में बांट देती है इतना ही नहीं वह हर साल गणेश चतुर्थी आने पर बहुत सी खूबसूरत मूर्तियां बनाती हैं और दूसरों को गिफ्ट देती हैं। 

बप्पा की मूर्ति बना कर मिलती है खुशी 

सीता जैन इन मूर्तियों का सारा काम खुद करती है। वह साल भर में तकरीबन 100 से ज्यादा मूर्तियां बना लेती हैं। अपने हाथों से मूर्ति बनाने से सीता जैन को एक सुकून मिलता है। उनकी मानें तो ,' दूसरों को गिफ्ट देने में मुझे एक खुशी सी मिलती है। मैं सभी मूर्तियां खुद बनाती हूं और गढ़ती हूं। इन्हें बनाकर मुझे आत्मिक खुशी मिलती है।'

कभी नहीं गई स्कूल

अम्मा का कहना है कि वह अपनी जिंदगी में कभी स्कूल नहीं गई हैं और उन्होंने अपनी जिंदगी में सिलाई-कढ़ाई ही की है। उनके अनुसार,' एक समय ऐसा था कि उनका सारा परिवार सड़क पर आ गया था और उनके पास अपना पेट पालने के लिए पैसे तक नहीं थे लेकिन फिर उस समय उन्होंने अपने सिलाई-कढ़ाई के हुनर का इस्तेमाल किया।' 

आज भगवान ने बहुत दिया 

अपने संघर्ष के दिनों को याद कर अम्मा ने कहा ,' मैनें इसी सिलाई-कढ़ाई से अपने परिवार और चार बच्चों की जिम्मेदारी संभाली और एक आज का दिन है जब भगवान ने मुझे सब कुछ दिया है बल्कि इतना दिया है कि मैं 2 वक्त की रोटी भी खाती हूं और 2 वक्त की बांट भी देती हूं। ' 

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जेल भी जा चुकी हैं अम्मा 

आपको बता दें कि सीता रानी ने झारखंड और अलग-अलग राज्य के आंदोलन में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था जिसकी वजह से वह एक बार जेल भी जा चुकी हैं। 

लड़कियों को देती हैं ट्रेनिंग

अम्मा बताती हैं कि ,'  जिंदगी में अगर आपके पास हुनर रहे तोजिंदगी में कोई भी समस्या मुश्किल नहीं लगती है। मैं खुद तो मूर्तियां बनाती ही हूं साथ ही मैं लड़कियों को सिलाई-कढ़ाई की ट्रेनिंग भी देती हूं।'

5 साल की उम्र से बना रही मूर्तियां 

पढ़ाई न कर पाने के कारण सीता रानी को उनकी मां ने सिलाई-कढ़ाई के काम में लगा दिया और आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे कि अम्मा 5 साल की उम्र में मूर्तियां बना रही हैं। 5 साल की उम्र में जहां बच्चे खिलौनों से खेलते हैं वहीं सीता जैन तब मूर्तियां बनाने का काम करती थी। 

देश-विदेश में विराजित मूर्तियां 

आपको बता दें कि अम्मा के बनाए गणपति देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी फेमस हैं। उनके बनाए 2000 से ज्यादा गणपति देश-विदेश में विराजित हैं। 

 

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