22 NOVFRIDAY2024 6:49:43 AM
Nari

Covid-19 Update: 80 प्रतिशत कोरोना मरीजों में विटामिन डी की कमी, धूप लेना बहुत जरूरी

  • Edited By Bhawna sharma,
  • Updated: 30 Oct, 2020 04:19 PM
Covid-19 Update: 80 प्रतिशत कोरोना मरीजों में विटामिन डी की कमी, धूप लेना बहुत जरूरी

कोरोना वायरस महामारी का संकट टलने की जगह बढ़ता जा रहा है। इस वायरस से बचने के लिए जहां लोगों को मास्क पहनने और सैनेंटाइजर का इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही हैं वहीं उनका डाइट में विटामिन डी लेना भी जरूरी माना जा रहा है। दरअसल, हाल ही में हुए एक रिसर्च के मुताबिक कोरोना वायरस से संक्रमित 80 प्रतिशत मरीजों में विटामिन डी की कमी पाई गई है। 

PunjabKesari

80 प्रतिशत मरीजों में विटामिन डी की कमी

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि विटामिन डी की कमी के कारण बढ़ रहे मामले चिंता का विषय है। क्योंकि कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोग घर पर समय बिता रहे हैं। जिस वजह से उन्हें प्राकृतिक धूप नहीं मिल पा रही है। वैज्ञानिकों के मुताबिक स्पेन के एक अस्पताल में 216 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीजों पर अध्ययन किया गया। जिसमें सामने आया कि लगभग 80 प्रतिशत मरीजों में विटामिन डी की कमी है।

पुरुषों में ज्यादा विटामिन डी कमी

जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित रिसर्च में विटामिन या फिर विटामिन डी की कमी और गंभीर बीमारी के बीच किसी तरह का कोई संबंध नहीं मिला है। इसके अलावा रिसर्च में यह भी सामने आया है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा विटामिन डी कमी पाई गई है। कोरोना संक्रमित जिन मरीजों में विटामिन डी की कमी सामने आई थी उनमें फेरिटिन और डी-डिमर जैसे इनफ्लामेट्री मार्करों के सीरम का स्तर बढ़ा हुआ था। 

PunjabKesari

क्यों जरूरी है विटामिन डी

अमेरिका की बोस्टन यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध में बताया गया था कि विटामिन डी लेने वाले लोगों में कोरोना से मौत का खतरा 50% कम रहता है। विटमिन-डी इम्यूनिटी को बूस्ट करता है और शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स को बढ़ाकर साइटोकाइन (Cytokines) सेल्स को बढ़ने से रोकता है। कोरोना वायरस मरीज के शरीर में साइटोकाइन सेल्स बनाकर फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। खतरनाक रेस्पेरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम की वजह से ही कोरोना मरीज की मौत हो जाती है।

विटामिन डी से नहीं होंगे बीमार

वैज्ञानिकों का कहना है कि डाइट में विटामिन डी लेने से व्यक्ति गंभीर रूप से भी बीमार नहीं पड़ते। इससे गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा भी 15% तक कम होता है। यही नहीं, इससे मरीजों को वेटिंलेटर पर रखने की जरूरत भी 46% कम होती है। इसके अलावा विटामिन डी सांस से जुड़े इंफेक्शन का खतरा भी कम करता है। वहीं इससे मरीज संक्रमण से भी जल्दी उभर जाते हैं।

PunjabKesari

Related News