नारी डेस्क : आज के समय में लोग शादी को सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और साझेदारी के रूप में देखते हैं। पहले जहां शादी से पहले कुंडली मिलान को ही सबसे जरूरी माना जाता था, वहीं अब वक्त बदल गया है। अब युवाओं में यह जागरूकता बढ़ रही है कि हेल्थ कंपैटिबिलिटी यानी स्वास्थ्य की संगति भी उतनी ही जरूरी है जितनी मानसिक और भावनात्मक संगति। इसलिए शादी से पहले कुछ जरूरी मेडिकल टेस्ट करवाना चाहिए।
यौन संचारित रोगों की जांच (STD Tests)
यह टेस्ट सबसे पहले करवाना चाहिए क्योंकि यह यौन संबंधों से फैलने वाली बीमारियों (Sexually Transmitted Diseases) का पता लगाने में मदद करता है। इनमें एचआईवी (HIV), हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B), सिफलिस (Syphilis) और क्लैमाइडिया (Chlamydia) जैसी बीमारियां शामिल हैं। इन रोगों के शुरुआती चरण में अक्सर कोई लक्षण नहीं दिखाई देता, इसलिए समय रहते जांच करवाना दोनों पार्टनर्स की सुरक्षा के लिए जरूरी है। यह कदम न सिर्फ शरीर बल्कि रिश्ते को भी सुरक्षित रखता है।

बच्चों के भविष्य की सुरक्षा (Genetic Compatibility Test)
यह टेस्ट यह जानने में मदद करता है कि दोनों पार्टनर्स के जीन में कोई आनुवंशिक दोष (Genetic Disorder) तो नहीं है जो आगे बच्चे को प्रभावित कर सकता है। अगर किसी के परिवार में थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया, डाउन सिंड्रोम या अन्य जेनेटिक बीमारियों का इतिहास है, तो यह टेस्ट करवाना और भी जरूरी है। यह भविष्य में बच्चे की सेहत और पूरे परिवार की मानसिक शांति के लिए बेहद अहम है।
प्रजनन क्षमता की जांच (Fertility Test)
आज की भागदौड़, तनाव और असंतुलित जीवनशैली के कारण कई पुरुषों और महिलाओं में फर्टिलिटी (प्रजनन क्षमता) से जुड़ी समस्याएं बढ़ रही हैं। फर्टिलिटी टेस्ट से यह पता चलता है कि दोनों की प्रजनन क्षमता सामान्य है या नहीं। पुरुषों में स्पर्म काउंट और महिलाओं में ओव्यूलेशन साइकिल या हार्मोन लेवल की जांच की जाती है। इससे शादी के बाद बच्चे की योजना को लेकर समय से जानकारी मिलती है और अनावश्यक तनाव से बचा जा सकता है।

ईमानदारी और भरोसे की निशानी
इन टेस्ट को करवाना किसी पर शक नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और ईमानदारी का प्रतीक है। शादी जीवनभर का रिश्ता है, इसलिए पारदर्शिता और भरोसा दोनों जरूरी हैं। अगर दोनों पार्टनर्स एक-दूसरे की हेल्थ के बारे में पहले से जानते हैं, तो आगे चलकर गलतफहमियों और विवादों की संभावना कम हो जाती है।
बढ़ती जागरूकता और बदलते विचार
आजकल खासकर शहरी युवाओं में यह जागरूकता तेजी से बढ़ रही है। कई कपल्स खुलकर इन टेस्ट को करवाते हैं ताकि आगे किसी हेल्थ प्रॉब्लम या तनाव का सामना न करना पड़े। यह सोच आधुनिक, जिम्मेदार और समझदार समाज की ओर एक बड़ा कदम है।
शादी से पहले सिर्फ कुंडली नहीं, बल्कि हेल्थ रिपोर्ट भी मिलाना जरूरी है। स्वस्थ शरीर और मन ही एक खुशहाल रिश्ते की असली नींव हैं। इसलिए अगर आप शादी की तैयारी कर रहे हैं, तो इन तीन मेडिकल टेस्ट को अपनी चेकलिस्ट में जरूर शामिल करें। क्योंकि स्वस्थ रिश्ते की शुरुआत, स्वस्थ सोच से ही होती है।