गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। प्रैग्नेंसी के शुरूआती महीनों में उल्टी, जी मचलाना और थकान होना आम समस्या है लेकिन इस दौरान कुछ महिलाओं को पेट में एसिडिटी की समस्या भी हो जाती है जोकि सबसे पड़ी परेशानी का कारण है। इस समय शरीर में प्रोजेस्टेरोन लेवल बढ़ने के कारण खाना पचाने में मुश्किल होती है जिससे पेट में गैस हो जाती है। ऐसे में कुछ तरीके अपनाकर इस समस्या से बचा जा सकता है। 1. फ्राइड और गैसी फूड न खाएं प्रैग्नेंसी के दौरान गोभी, ब्रोकली, प्याज और सेम का कम मात्रा में सेवन करना चाहिए क्योंकि इससे पेट में गैस बनती है। इसके अलावा तली-भूनी चीजें खाने से भी बचना चाहिए। इन सब से पेट की पाचन क्रिया धीमी हो जाती है और एसिडिटी हो जाती है। 2. फाइबरयुक्त आहार जिन फूड्स में अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है, उन्हें खाने से भी एसिडिटी की समस्या हो जाती है। इसमें चावल, गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियां और साबुत अनाज शामिल हैं। प्रैग्नेंसी के दौरान इन फूड्स को पचाने में काफी मुश्किल होती है। ऐसे में कम फाइबर वाले आहार का सेवन करें। 3. कम और धीरे-धीरे खाएं प्रैग्नेंसी के दौरान महिलाओं को काफी भूख लगती है। ऐसे में वे एक ही बार में अधिक मात्रा में भोजन खा लेती हैं जिससे पेट में अफारा हो जाता है। इससे बचने के लिए एक समय में खाने की कम मात्रा लें और धीरे-धीरे खाएं। 4. एक्सरसाइज करें गर्भवति महिलाओं को घर का भारी काम न करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में वे सिर्फ रसोई का काम करने के बाद सारा दिन बैठी रहती हैं जिससे बैठे-बैठे उनके पेट में गैस बन जाती है। इसके लिए वे रोजाना खाने के बाद 15 मिनट के लिए सैर जरूर करें और हल्की एक्सरसाइज भी कर सकती हैं।
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