02 NOVSATURDAY2024 10:00:34 PM
Nari

कम खर्च में चाहिए Switzerland का मजा, तो इस गर्मी बनाएं खज्जियार जाने का प्लान

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 03 May, 2024 05:36 PM
कम खर्च में चाहिए Switzerland का मजा, तो इस गर्मी बनाएं खज्जियार जाने का प्लान

विदेश जाकर वहां की खूबसूरत जगहों का आनंद लेना हर किसी के बस की बात नहीं है। मिडिल क्लास के लिए बाहर जाना एक सपना ही बनकर रह जाता है।  आज हम आपको अपने देश की ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जिकसी खूबसूरती को देखकर आपका भी यहां बार-बार आने का मन करेगा। इस जगह को ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से भी जाना जाता है, तो जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

PunjabKesari
हम बात कर रहे हैं खज्जियार (Khajjiar) की जो भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के चम्बा ज़िले में स्थित एक गांव है। यह पर्वतों से घिरा एक रमणीय पर्वतीय मर्ग या मैदान है जिसमें एक सुंदर झील स्थित है। प्राकृतिक सौन्दर्य के कारण इसे भारत का "छोटा  स्विटजरलैंड" ("मिनी स्विटजरलैंड") कहा जाता है। यहां का शांत वातावरण और हरे घास के मैदान पर्यटकों को अपनी ओर खींच लाते हैं। प्रकृति के अद्भुत नजारों के लिए खज्जियार सैलानियों की पहली पसंद बनता जा रहा है।

PunjabKesari
यदि आप मई-जून की झुलसाने वाली गर्मी से छुटकारा पाना चाहते हैं तो यह स्थान बिलकुल सपनों के शहर जैसा ही है। तभी तो देश ही नहीं विदेश के लोग भी यहां आना पसंद करते हैं। गर्मियों में तो यहां काफी रौनक देखने को मिलती है। इस मौसम में यहाँ तरह-तरह के रोमांचक खेलों का भी आयोजन किया जाता है। अगर आप गोल्फ के शौकीन हैं तो आपके लिए यह हिल स्टेशन और भी बेहतर है।

PunjabKesari

चीड़ एवं देवदार के वृक्षों से ढके इस ढलवे मैदानी क्षेत्र के मध्य में एक लेक भी है, जिसे 'खजियार लेक' कहा जाता है। सड़क मार्ग से यहाँ आने के लिए चंबा या डलहौजी पहुँचने के बाद मुश्किल से आधा घंटे का समय लगता है। यहां टूरिस्ट कलातोप वन्यजीव अभयारण्य भी घूम सकते हैं, जहां कई प्रजाति के पशु और पक्षी देखने को मिल जाएंगे।

PunjabKesari

चंडीगढ़ से 352 और पठानकोट रेलवे स्टेशन से मात्र 95 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खज्जियार में 'खज्जी नागा मंदिर' की बड़ी मान्यता है। मंदिर के मंडप के कोनों में पांच पांडवों की लकड़ी की मूर्तियाँ स्थापित हैं। कहा जाता है कि पांडव अपने अज्ञातवास के दौरान यहां आकर ठहरे थे। खज्जियार को आधिकारिक तौर पर 7 जुलाई, 1992 को स्विस राजदूत द्वारा नाम दिया गया था और रिकॉर्ड के अनुसार, यहां से एक पत्थर लिया गया था जिसे स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में बनी पत्थर की मूर्तिकला का हिस्सा बनाया गया था।

Related News