उत्साही पर्वतारोही शेख हसन खान अब 190 से अधिक देशों की सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ाई करने का लक्ष्य बना रहे हैं। इससे पहले वह माउंट एवरेस्ट फतह कर चुके हैं। 36 वर्षीय हसन केरल सरकार के कर्मचारी हैं। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने और तमाम चुनौतियों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अन्य उंची चोटियों पर चढ़ने का लक्ष्य तय किया।
शेख हसन का यह जुनून दार्जिलिंग में हिमालय पर्वतारोहण संस्थान में एक दीवार पर चढ़ने के बाद शुरू हुआ। खान ने कहा कि उनकी योजना अगले पांच वर्षों में 190 से अधिक देशों की सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ने और सभी चोटियों पर भारतीय ध्वज फहराने की है। उन्होंने बताया कि, ''मैं जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से भी चोटियों पर चढ़ रहा हूं।''
पिछले कुछ वर्षों में माउंट एवरेस्ट और छह अन्य ऊंची चोटियों पर चढ़ने में मिली सफलता के बाद खान का यह अगला सपना है। जनवरी में, उन्होंने दुनिया के सबसे ऊंची ज्वालामुखी ओजोस डेल सलाडो और चिली की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई की थी। इससे पहले उन्होंने दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट एकॉनकागुआ पर चढ़ाई की थी। माउंट एवरेस्ट के अलावा, वह अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट विंसन, माउंट डेनाली (उत्तरी अमेरिका) माउंट किलिमंजारो (अफ्रीका) और माउंट एल्ब्रस (यूरोप) पर भी चढ़ाई कर चुके हैं।
पर्वतारोहण के प्रति अपने जुनून के कारण का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि यह सब दार्जिलिंग में हिमालय पर्वतारोहण संस्थान की यात्रा के साथ शुरू हुआ। वहां एक चढ़ाई वाली दीवार है जहां कोई भी व्यक्ति एक तय शुल्क चुकाकर चढ़ सकता है। उन्होंने कहा- "यह पता चलने के बाद कि मुझे चढ़ाई करना पसंद है मैं वास्तव में आश्चर्यचकित था। इसलिए, मैं तीन से चार बार दीवार पर चढ़ा जिसके बाद मुझे एहसास हुआ कि मेरे अंदर (पर्वतारोहण के लिए) कुछ है।" खान ने कहा कि 2022 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के बाद उन्हें कुछ राशि और प्रायोजक मिलने लगे। उससे पहले धन जुटाना चुनौती भरा काम था।