प्रेग्नेंसी का समय किसी भी महिला के लिए बहुत मुश्किल भरा होता है। इस दौरान जहां पूरा शरीर की हालत नाजुक होती है, वहीं ज्यादातर महिलाएं को प्राइवेट पार्ट से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यूरिन संबंधी समस्याएं भी इस दौरान आम है। दरअसल, प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भाशय बढ़ने से ब्लेडर पर दबाव बढ़ जाता है जिस वजह से महिलाओं को बार- बार यूरिन आता है। अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो सबसे पहले इसके लक्षण भी यूरिन में ही नजर आते हैं। ऐसे में अगर आपको लगातार यूरिन का रंग बदलता दिख रहा है तो इसे हल्के में न लें। इसे पीछे कोई कारण हो सकता है। आइए हम आपको बताते हैं इसके बारे में...
प्रेग्नेंसी में यूरिन के रंग से क्या पता चलता है
यूरिन का रंग यूरोक्रोम पर निर्भर करता है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से आपकी यूरिन का रंग नॉर्मल हो जाता है। लेकिन, जब आप आवश्यकता के अनुसार पानी नहीं पीते हैं, तो इससे यूरिक्रोम आपके यूरिन को पीला करता है। यूरिन का सामान्य रंग आहार, दवाएं, हाइड्रेशन, हीमोग्लोबिन का लेवल आदि चीजों पर निर्भर करता है। प्रेग्नेंसी में यूरिन का रंग गहरे पीले रंग, हल्का नारंगी रंग का हो सकता है। ऐसे में महिलाओं को टेंशन होने लगती है। प्रेग्नेंसी में यूरिन के रंग से महिलाओं की प्रेग्नेंसी के जोखिमों का पता लगाया जाता सकता है। यूरिन के रंग का बदलना किसी समस्या का संकेत हो सकता है।
प्रेग्नेंसी में यूरिन बदलने के ये हो सकते हैं कारण
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन
यूटीआई यानी की यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यूरिन के रंग बदलने का एक मुख्य कारण हो सकता है। प्रेग्नेंसी के समय यूटीआई की समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस समस्या में डिलीवरी से जुड़ी समस्या हो सकती है। यूटीआई में यूरिन का रंग पीला होना और बार- बार यूरिन आने की समस्या हो सकती है। इसके अलावा यूरिन में खून आना और पेट के निचले हिस्से में दर्द को भी महसूस किया जाता है।
विटामिन और दवाओं का सेवन
प्रेग्नेंसी के दौरान पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को प्री- विटामिन्स दिए जा सकते हैं। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को अतिरिक्त विटामिन की आवश्यकता होती है। ऐसे में डॉक्टर विटामिन के सप्लीमेंट्स दवाएं देते हैं। महिलाओं का शरीर विटामिन को पूरी तरह से अवशोषित नहीं कर पाता है। ऐसे में बचे हुए विटामिन यूरिन के रास्ते शरीर से बाहर हो जाते हैं, जिससे यूरिन का रंग बदल जाता है।
प्रेग्नेंसी डाइट
प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। इस समय डॉक्टर महिलाओं की डाइट में कुछ डरूरी बदलाव करते हैं। प्रेग्नेंसी में महिलाओं की डाइट में फल, सब्जियां, डेयरी प्रोडक्ट आदि चीजें शामिल होनी चाहिए। इस दौरान किडनी का काम प्रभावित हो सकता है, जिससे यूरिन का रंग बदलता है।
हेयट्यूरिया
हेमट्यूरिया में यूरिन में ब्लड आने लगता है। प्रेग्नेंसी में शरीर के एक्स्ट्रा रेड ब्लड सेल्स को खत्म करने की आवश्यकता होती है। इस सेल्स यूरिन के माध्यम से बाहर निकल जाते हैं। इस दौरान यूरिन गहरा पीले या लाल रंग का हो सकता है।
डिहाइड्रेशन
प्रेग्नेंसी में महिलाएं किसी मात्रा में पानी पीती हैं, यह भी उनके यूरिन के रंग को प्रभावित करता है। कुछ महिलाएं प्रेग्नेंसी में पानी कम मात्रा में पीती हैं, जिससे उनको डिहाइड्रेशन का खतरा अधिक होता है। इस समय हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम के दौरान महिलाओं को ज्यादा उल्टी होने या वजन घटने की समस्या हो सकती है। ऐसे में डिहाइड्रेशन की वजह से महिलाओं की यूरिन के रंग में बदलाव होने लगता है।